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पानी के लिए तरस रहे बेंगलुरु के लोग, होटल से खाना, मॉल में शौच, रोज नहाना भी हुआ मुश्किल

पानी के लिए तरस रहे बेंगलुरु के लोग, होटल से खाना, मॉल में शौच, रोज नहाना भी हुआ मुश्किल

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People of Bengaluru are yearning for water, eating from hotels, defecating in malls, even taking bath daily becomes difficult, Breaking news, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news :  (श्रुति)बेंगलुरु में जलसंकट गहरा गया है। पानी की कमी के कारण लोगों को रेस्तरां से खाना ऑर्डर करने लगे हैं। गर्मी बढ़ने के बाद भी उन्हें नहाने के लिए प्लानिंग करनी पड़ रही है। मॉनसून आने में अभी तीन महीने बाकी हैं। अगर समाधान नहीं मिला तो लोगों के हालात बुरे हो सकते हैं। भारत की सिलिकॉन वैली बेंगलुरु में जल संकट से जूझ रहा है। सरकार पानी बचाने के उपाय कर रही है। पीने वाले पानी से गाड़ी धोने और पौधों में पानी देने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। शहर के स्वीमिंग पुल भी बंद हैं। नियम तोड़ने पर पांच हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। शहर के 1.4 करोड़ लोग भी पानी बचाने के लिए नए-नए तरीके आजमा रहे हैं। सेंट्रल बेंगलुरु में हालत ज्यादा खराब है। अपार्टमेंट में रहने वाले लोग रोज नहा नहीं पा रहे हैं। वॉशरूम जैसी जरूरतों को पूरा करने के लिए शॉपिंग मॉल के चक्कर लगा रहे हैं। 

ऑनलाइन फूड ऑर्डर की डिमांड बढ़ी

यहां ऑनलाइन फूड ऑर्डर की डिमांड बढ़ गई है। जो लोग घर में कुकिंग कर रहे हैं, वह डिस्पोजल प्लेट और ग्लास का उपयोग कर रहे हैं, ताकि बर्तन नहीं धोना पड़े। दूसरी ओर, शहर में टैंकर माफियाओं ने पानी की कीमत बढ़ा दी है। एक सप्ताह पहले तक 2000 रुपये में मिलने वाले वॉटर टैंकर की कीमत 5000 के पार पहुंच गई है।

होटलवाले दे रहे हैं डिस्पोजल में खाना, स्कूल भी बंद

बेंगलुरु में पानी की किल्लत का असर लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ने लगा है। जिस इंडस्ट्री में पानी की जरूरत होती है, वह बंद पड़े हैं। आईटी इंडस्ट्री भी प्रभावित होने लगी है और कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम की डिमांड करने लगे हैं। सेंट्रल बेंगलुरू के कई स्कूल और कोचिंग संस्थानों को बंद कर दिया गया है। छात्रों को ऑनलाइन क्लास करने की सलाह दी गई है। हालत यह है कि लोग इस पेयजल संकट की तुलना कोविड के दौर से करने लगे हैं। के आर पुरम एक महिला ने बताया कि बेंगलुरू का तापमान लगातार बढ़ रहा है, इसके बावजूद लोग पानी बचाने के लिए रोज नहीं नहा रहे हैं। शहर के राजाजी नगर, चिक्कापेटे, बोम्मनहल्ली, राममूर्तिनगर, मराठाहल्ली और बापूजी नगर में ढाबों पर पानी मिलना बंद हो गया है। होटलों में भी डिस्पोजल प्लेट में खाना परोसा जा रहा है।

दो-तीन महीने और रहेगी दिक्कत, बारिश का इंतजार

बेंगलुरु को मुख्य रूप से पानी की आपूर्ति दो स्रोतों से होती है कावेरी नदी और ग्राउंड वॉटर। सामान्य दिनों में 145 करोड़ लीटर कावेरी का पानी और 55 करोड़ लीटर ग्राउंड वॉटर की सप्लाई होती है। बारिश में कमी के कारण बेंगलुरू के 50 फीसदी बोरवेल सूख गए हैं। ग्राउंड वॉटर 1800 फीट नीचे तक गिर चुका है। 262 झीलों में से सिर्फ 82 में पानी बचा है। अभी डिमांड के मुकाबले 20 करोड़ लीटर कम पानी की सप्लाई हो रही है। बेंगलुरु को अगले 5 महीनों के लिए 8-9 टीएमसी पानी की जरूरत है। पेजयल संकट के कारण कर्नाटक की राजनीति भी गरमाने लगी है। कई इलाकों में लोग पानी के लिए सड़क पर उतर आए। बीजेपी कार्यकर्ता रोजाना राज्य के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे हैं। जबकि राज्य सरकार केंद्र पर असहयोग का आरोप लगा रही है। कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार सूखाग्रस्त कर्नाटक की आर्थिक मदद नहीं कर रही है।

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