National news, health news : प्रेग्नेंसी के वक्त फिजियोथैरेपी और वर्कआउट की महत्ता का अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते हैं कि इसके सहारे 60% तक डिलीवरी नॉर्मल हो रही है। यह कोई कही- सुनाई बात नहीं, बल्कि सच्चाई है। गुजरात के जूनागढ़ स्थित सिविल अस्पताल ने यह साबित कर दिया है।यहां सिजेरियन प्रसव महज 30-40 प्रतिशत ही रह गए हैं। आइए, जानकारी लेते हैं इस सकारात्मक परिवर्तन का राज…
अस्पताल को मिल चुके हैं छह पुरस्कार, चल रहा विशेष फिजियोथैरेपी क्लिनिक
अस्पताल की इन उपलब्धियों को देखते हुए अभी तक विभिन्न स्तरों पर इसे छविपुरस्कार मिल चुके हैं। आपको बता दें गंभीर स्थिति में ही सिजेरियन का फैसला लेने वाले इस अस्पताल में पिछले वर्ष से विशेष फिजियोथैरेपी क्लिनिक का संचालन हो रहा है। अब तक 600 से ज्यादा गर्भवती महिलाओं का इलाज किया जा चुका है। यहां गर्भधारण के तीन माह से ही सामान्य प्रसव सुनिश्चित कराने के लिए रोजाना सुबह-शाम 15 तरह के हल्के वर्कआउट करवाए जाते हैं। कुछ इन्हीं उपायों से यह सकारात्मक परिणाम देखने को मिला है।
ऐसे ही नहीं बढ़ा अस्पताल और डॉक्टरों का सम्मान
आपको बता दें जूनागढ़ स्थित इस अस्पताल का मान और डॉक्टरों का सम्मान यूं ही नहीं बढ़ा। जहां सामान्य बीमारियों को लेकर भी लो लोग निजी अस्पतालों की दौड़ लगा बैठते हैं और और भारी भरकम रकम खर्च कर डालते हैं, वहीं जूनागढ़ स्थित इस अस्पताल में यहां के डीएम डॉक्टर सौरभ पारधी तक ने अपनी पत्नी का प्रसव यहीं कराया। अन्य भी कई अफसरों ने भी इसपर भरोसा जताया। अस्पताल के इन बेहतर प्रयासों से मातृ-शिशु मृत्यु दर में भी गिरावट आई है।