केंद्र की मोदी सरकार ने देश के नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता कानून लाने के लिए तैयारी शरू कर दी है। यह आरएसएस और बीजेपी के एजेंडे का एक बड़ा हिस्सा है,जो अब देश में आने ही वाला है। वन नेशन वन सिविल कोड की थियरी जोर शोर से विमर्श में लाई जाएगी और किसी दिन पार्लियामेंट में इसे लाकर किसी तरह पास कराया जा सकता है। याद रखिए, परीक्षण के तौर पर उत्तराखंड में इस कानून के बनाने की कवायद शुरू की गई है जिसमें एक कमेटी का गठन कर दिया है। इस कमेटी के लिए ड्राफ्ट निर्देश बिन्दु केंद्रीय कानून मंत्रालय ने ही दिए हैं। इससे साफ है कि कानून का ड्राफ्ट केंद्र सरकार के पास बना हुआ है।
सरकार ने कहा, अवश्य आएगा यह कानून
उच्चतर सूत्रों से प्राप्त मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राज्यों में बने नागरिक संहिता के कानूनों को बाद में केंद्रीय कानूनों में समाहित कर दिया जाएगा, क्योंकि एक समानता लाने के लिए कानून का केंद्रीय होना जरूरी है। राज्यों में यह कानून को परीक्षण के तौर पर बनवाया जा रहा है। यह पहला मौका है जब सरकार ने पहली बार इस कानून के लाने के बारे में इतनी स्पष्टता से कहा है। सूत्रों ने कहा कि यह कानून अवश्य आएगा, लेकिन कब और किस समय आएगा, यही सवाल है।