Home
National
International
Jharkhand/Bihar
Health
Career
Entertainment
Sports Samrat
Business
Special
Bright Side
Lifestyle
Literature
Spirituality

PM ADDRESS : लाल किले से पीएम मोदी ने कहा, औरंगजेब के सामने चट्टान बनकर खड़े हो गए थे गुरु तेग बहादुर…

PM ADDRESS : लाल किले से पीएम मोदी ने कहा, औरंगजेब के सामने चट्टान बनकर खड़े हो गए थे गुरु तेग बहादुर…

Share this:

Prime Minister (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी सिख गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व के अवसर पर 21 April को लाल किला पहुंचे और गुरु के बलिदान का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि तब के दौर में गुरु तेगबहादुर औरंगजेब के सामने चट्टान बनकर खड़े हो गए थे और अपनी आस्था से बिल्कुल नहीं डिगे। देश आज इन्हीं गुरुओं के आदर्शों पर चल रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने एक विशेष सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया। पीएम के संबोधन में ‘नए राष्ट्रवाद’ के प्रति एक नयी ललक का नया प्रतिबिंब भी देखा जा सकता है,जो भविष्य के लिए नया संकेत भी करता है।

पीएम के संबोधन के प्रमुख अंश

1- आज की भावना को शब्दों में बता पाना मुश्किल है। आज हमारा देश हमारे गुरुओं के आदर्शों पर चल रहा है। आप सभी देशवासियों को प्रकाश पर्व की हार्दिक बधाई देता हूं। इस लाल किले ने गुरु तेग बहादुर की शहादत को देखा है। लाल किले पर हो रहा ये आयोजन बहुत विशेष हो गया है। 

2- आज हम यहां स्वाधीनता सेनानियों के बलिदान की वजह से हैं। हिंदुस्तान दुनिया को परोपकार का संदेश देने वाला देश है। ये भूमि सिर्फ एक देश नहीं है। इसे हमारे ऋषि-मुनियों ने सींचा है। सैकड़ों वर्षों की गुलामी से आजादी और भारत की आध्यात्मिकता को अलग करके नहीं देखा जा सकता है।  

उस समय देश में मजहबी कट्टरता की आंधी आई थी। हिंसा की पराकाष्ठा कर दी। उस समय भारत को अपनी पहचान बचाने के लिए गुरु तेगबहादुर जी सामने आए। आततायी औरंगजेब के सामने हिंद की चादर बन गए और चट्टान बनकर खड़े हो गए। संस्कृति की रक्षा के लिए गुरु तेगबहादुर ने बलिदान दिया था। औरंगजेब ने भले ही कई सिर को धड़ से अलग किया, लेकिन हमारी आस्था को हमसे अलग नहीं कर सका। बड़ी-बड़ी सत्ता मिट गई, लेकिन भारत आज भी अमर खड़ा है। भारत आगे बढ़ रहा है। 

3- आज एक बार फिर दुनिया भारत की तरफ देख रही है। मानवता के मार्ग पर पथ-प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है। गुरुनानक जी ने पूरे देश को एक सूत्र में पिरोया। मैं अपनी सरकार का सौभाग्य मानता हूं कि उसे गुरुओं की सेवा का इतना मौका मिल रहा है। 

4- नागरिकता संशोधन कानून ने पड़ोसी देशों से आने वाले अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दी है। ऐसा इसलिए संभव हुआ है क्योंकि हमारे गुरुओं ने हमें मानवता के पथ पर आगे बढ़ने की सीख दी है। भारत ने कभी किसी समाज या देश के लिए खतरा पैदा नहीं किया है। हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं तो पूरे विश्व की प्रगति का लक्ष्य सामने रखते हैं। पूरी विश्व के स्वास्थ्य और परोपकार की कामना के साथ करते हैं।

Share this: