Politics (सियासत) में अलग-अलग राजनीतिक दलों की पोशाक के साथ-साथ टोपी पहनने का भी अपना खास सांकेतिक महत्व होता है। कांग्रेस के लिए गांधी टोपी पहचान मानी जाती है। खादी का वस्त्र उनकी मुख्य पोशाक है। ध्यान दें तो स्पष्ट हो जाएगा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का केसरिया रंग के प्रति अपना विशेष लगाव आजादी के पहले से रहा है। इस संगठन के नेता और कार्यकर्ता सिर पर केसरिया टोपी का प्रयोग करते थे। भले आज उनकी खाकी टोपी हो गई है। आजादी के बाद भी वे अपने मुख्यालय और अन्य कार्यालयों पर राष्ट्रीय झंडा नहीं, बल्कि केसरिया झंडा 15 अगस्त और 26 जनवरी को भी फहराया करते थे। अब इस नेचर में थोड़ा बदलाव आ गया है। अभी देखें तो समाजवादी पार्टी की टोपी लाल है। राष्ट्रीय जनता दल की टोपी हरी है और आम आदमी पार्टी की भी अपनी तरह की टोपी है। अन्य पार्टियों की भी अलग-अलग टोपियां हो सकती हैं। कम्युनिस्ट पार्टियों के नेता-कार्यकर्ता टोपी नहीं पहनते हैं, क्योंकि उनके आइकन मार्क्स और लेनिन टोपी नहीं पहना करते थे।
अहमदाबाद में पीएम मोदी का रोड शो
आजकल मीडिया से आ रही राजनीतिक खबरों के अनुसार, बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता अब केसरिया टोपी पहनेंगे या यही टोपी उनकी पहचान बनेगी। ध्यान दीजिए पांच राज्यों में कुछ वक्त पहले हुए चुनाव और उनके आए परिणाम के बाद तुरंत हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात गए थे और उन्होंने अहमदाबाद में रोड शो किया था। इस रोड शो में उन्होंने केसरिया टोपी पहनी थी और उस पर भाजपा का चुनाव चिह्न कमल था। अब इस टोपी को बीजेपी के सभी नेता और कार्यकर्ता धारण करें। इस टोपी को सभी बड़े नेताओं के अलावा बीजेपी के लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों को भेजा जा रहा है।
टोपी और साथ में एक किट
बीजेपी संसदीय दल कार्यालय को ये जिम्मेदारी दी गई है कि वो हर भाजपा सांसद के पास ये टोपी पहुंचाए। लोकसभा और राज्यसभा मिलाकर बीजेपी के सभी 400 सांसदों को ये टोपी और साथ में एक किट पहुंचाई जा रही है। इस किट में बीजेपी के निशान वाली पांच टोपियों के अलावा पोषक शक्ति बढ़ाने वाले चॉकलेट हैं। माना जा रहा है कि भाजपा सांसद सार्वजनिक तौर पर ये टोपी लगाएंगे। इसके अलावा बीजेपी के कर्मठ कार्यकर्ता भी केसरिया टोपी और खेस पहना करेंगे, जिसे अंगवस्त्र या गमछा भी कहा जाता है।
गुजरात बीजेपी ने तैयार कराई है टोपी
जानकारी के मुताबिक, गुजरात बीजेपी ने खास तौर पर ये टोपी तैयार करवाई है। इस नयी टोपी के डिजाइन में ब्रम्हकमल का फूल है जिसे उत्तराखंड से लिया गया है। इस बार गणतंत्र दिवस की परेड़ में भी पीएम मोदी ने यह टोपी पहनी थी। दरअसल ये केसरिया टोपी भारतीय जनता पार्टी और उसकी विचारधारा से जुड़ी हुई है।