देश के सामाजिक ताने-बाने में प्रेम और मिल्लत की नदी तब तक अबाध बहती है, जब तक सियासत करने वाले ईमानदार और संवेदनशील होते हैं। आजकल देश की गंदी सियासत समाज के सद्भाव को तार-तार कर रही है। नफरत की ‘अमरबेल’ तेजी से फैल रही है। हाल ही में रामनवमी के मौके पर देश की राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा गंदी राजनीति के आंगन की दासी बनती जा रही है। दुखी ग्रामीण मन बिना कुछ कहे कह रहा है-‘गंदी सियासत खाए जात हमर देस।’ इस हिंसा के मुख्य आरोपी अंसार शेख का न जाने किस-किस पार्टी से संबंध है।
बीजेपी, टीएमसी और आम आदमी पार्टी
अंसार के राजनीतिक जुड़ाव को लेकर दिल्ली में जैसी बहस आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच हो रही है, वैसी ही बहस अब पश्चिम बंगाल में भी शुरू हो गई है। पश्चिम बंगाल बीजेपी के नेताओं ने आरोप लगाया है कि अंसार शेख सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का ‘करीबी सहयोगी’ है। हालांकि तृणमूल कांग्रेस इस बात से इनकार कर रही है कि शेख किसी भी तरह से पार्टी में शामिल था।
सवेदु अधिकारी का गंभीर दावा
बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता, सुवेंदु अधिकारी ने दावा किया है कि शेख न केवल पूर्वी मिदनापुर जिले में तृणमूल नेतृत्व का करीबी सहयोगी है, बल्कि वह 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के तुरंत बाद 2 मई, 2021 को उनके वाहन पर हमले में भी शामिल था। उन्होंने दावा किया, “नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र से चुने जाने के बाद, जहां मैंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हराया था, हल्दिया में मेरे वाहन पर हमला हुआ, वहां शेख का अपना आवास है। शेख तृणमूल कांग्रेस गिरोह का हिस्सा है, जो उस हमले के पीछे था।”
दिल्ली पुलिस गई है बंगाल
सुवेंदु अधिकारी का यह बयान ऐसे दिन सामने आया है, जब दिल्ली पुलिस की एक टीम जहांगीरपुरी हिंसा के दो आरोपी शेख अंसार और शेख असलम के बारे में और जानकारी जुटाने के लिए हल्दिया और उससे सटे महिषादल में पहले से मौजूद है। यह जानकारी भी सामने आई है कि शेख के स्वामित्व वाली एक आलीशान हवेली पूर्वी मिदनापुर के प्रमुख औद्योगिक टाउनशिप हल्दिया में स्थित है, वहीं असलम महिषादल पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले कंचनपुर गांव का निवासी है।