Indian politics (भारत की सियासत) में जैसी गंदगी के छींटे इधर-उधर पड़ते हुए आजकल रोज दिखाई देते हैं, वैसा शायद पहले कभी नहीं देखा गया होगा। महंगाई बढ़ती है तो बढ़े, बेरोजगारी बढ़ती है तो बढ़े, समाज में आपसी फूट और नफरत बढ़ती है तो बढ़े, मगर राजनीति सबसे ऊपर सबके सीने पर बैठकर होगी। यही आज की राजनीति की हकीकत है। आजकल ज्ञानवापी मस्जिद का मामला मीडिया से लेकर सोशल मीडिया और समाज के भीतर भी इस कदर आगे बढ़ रहा है मानो भूख-प्यास का भी महत्व खत्म हो गया है। पता चला है कि अयोध्या में पत्रकारों से बातचीत के दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि हिंदू धर्म में कहीं भी पीपल के पेड़ के नीचे लाल कपड़ा और पत्थर रख दो, तो मंदिर बन जाता है। व्यावहारिक धरातल पर यह बात सौ फीसद सही है, मगर भाजपा के लिए यह सियासत की बड़ी और लंबी पीच है, इसलिए इस बात में उसे संपूर्ण हिंदू समुदाय और हिंदू धर्म के अपमान की अनुभूति होने लगती है। यह अनुभूति ही तो वोट दिलाती है।
भाजपा को लगी मिर्ची ने की कठोर आलोचना
अखिलेश यादव की टिप्पणी पर टिप्पणी आना स्वाभाविक है। भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाए हैं कि सपा प्रमुख वोट बैंक के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। ऐसा लगता है जैसे भाजपा ऐसा कभी कर ही नहीं सकती है। आलोचना के दौरान दौरान पार्टी ने यादव पर रामभक्तों पर भी गोली चलवाने की बात कही। भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, ‘अब अखिलेश यादव जो दावा करते हैं कि श्रीकृष्ण उनके सपने में आए थे, उन्होंने हिंदू आस्था का मजाक उड़ाया है। वह कहते हैं केवल पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर रखने और अगर आप उसपर लाल झंडा रखेंगे, तो वह मंदिर बन जाता है। ऐसे किसी व्यक्ति की तरफ से हिंदू आस्था का इस तरह मजाक उड़ाया जाना हैरानी की बात नहीं है, जिसकी राजनीति श्रेय लेने और मासूम रामभक्तों पर गोली चलाकर गर्व महसूस करने में है।’
अखिलेश को वीडियो मैसेज से बताई मंदिर तैयार होने की प्रक्रिया
वीडियो मैसेज में भाजपा प्रवक्ता ने यादव को मंदिर तैयार होने की प्रक्रिया भी बताई। उन्होंने कहा कि सपा प्रमुख को यह पता होना चाहिए कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर बनता है। उन्होंने आरोप लगाए कि यादव और उनका पूरा ईको सिस्टम वोट बैंक के लिए इतने उतारू हैं कि हिंदू आस्था का मजाक बनाने और हमला के करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।’