UP Global Investors Summit 2023, Direction Of Politics : सियासी नजरिए से केंद्र की सत्ता में काबिज होने के लिए उत्तर प्रदेश में किसी भी पार्टी का मजबूत होना बहुत जरूरी है, क्योंकि यहां लोकसभा की सबसे अधिक 80 सीटें हैं। बीजेपी अपनी राजनीति के लिए यूपी के महत्व को बखूबी समझती है। बीते 10 फरवरी को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह यूपी ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में भाग लेने के लिए लखनऊ पहुंचे थे। शाह ने यहां जो कहा उसे अगले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections 2024) से जोड़कर भी देखा जा रहा है। बता दें कि यूपी में बीजेपी को मजूबत बनाने और 2014 तथा 2019 के लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत दिलाने में अमित शाह की अहम भूमिका थी। वास्तव में अब अमित शाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार देश का प्रधानमंत्री बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
क्षेत्रफल और आबादी की चर्चा
गृहमंत्री अमित शाह की बातों से पता चला कि पार्टी का अगला टारगेट 2024 है, जिसमें सबसे ज्यादा फोकस यूपी पर रहेगा। गृहमंत्री ने कहा कि बीजेपी की सरकार बनने के बाद जो परिवर्तन आया है वह पूरे देश के लिए शुभ है, क्योंकि जबतक यूपी जैसे बड़े सूबे का विकास नहीं होता, जबतक यूपी विकास की राह पर चल नहीं पड़ता है, तबतक हमारा देश बहुत आगे नहीं बढ़ सकता है, क्योंकि क्षेत्रफल की दृष्टि से, आबादी की दृष्टि से और उत्पादकता की दृष्टि से, सभी दृष्टि से यूपी का महत्व कहीं पर भी दो नंबर का नहीं है, एक नंबर का है। हां, उन्होंने ये नहीं कहा कि यहां लोकसभा की सबसे ज्यादा सीटें हैं।
पिछली सरकार पर भी साधा निशाना
गृहमंत्री ने कहा कि यूपी में सबसे ज्यादा आबादी भी है। उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा क्षेत्रफल रखने वाले 2-3 राज्यों में से एक है और यहां सबसे ज्यादा संभावनाएं भी हैं। यूपी को आगे बढ़ाने का मतलब है भारत के विकास को गति देना। गृहमंत्री ने कहा कि मैं यहां कोई राजनीतिक टिप्पणी करने नहीं आया हूं। मैं गुजरात सरकार का मंत्री था। लखनऊ में उस वक्त के यूपी के मंत्री का प्रेस कॉन्फ्रेंस था, वे भी उस समय इनवेस्टर्स समिट कर रहे थे, लेकिन उन्होंने स्थान दिल्ली रखा था। एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि आप यूपी के लिए समिट कर रहे हो मगर स्थान दिल्ली क्यों रखा है, तो उनको स्वीकर करना पड़ा कि काफी लोग लखनऊ आने के लिए तैयार नहीं थे, इसलिए हमें इनवेस्टमेंट समिट दिल्ली में करनी पड़ी है। गृहमंत्री ने पूछा कि जो समिट के लिए लखनऊ आने को तैयार नहीं है वो इनवेस्टमेंट के लिए कैसे तैयार होगा।