Congress (कांग्रेस) सियासी नजरिए से लगातार शिकस्तों का सामना कर रही है। संगठनात्मक ढांचा भी बहुत कमजोर हो चुका है। तमाम बड़े नेता पार्टी छोड़ चुके हैं और छोड़ भी रहे हैं। बेशक कांग्रेस का भविष्य उज्जवल नहीं दिखता, पर यह एक पार्टी के रूप में ही नहीं देश की मिली-जुली संस्कृति को जिंदा रखने के लिए भी जरूरी है, इसका एहसास कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को है। 5 अप्रैल को कांग्रेस पार्लियामेंट्री पार्टी यानी कांग्रेस संसदीय दल (CPP) की बैठक को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस का पुनरुद्धार सिर्फ हमारे लिए महत्व का विषय नहीं है, बल्कि हमारे लोकतंत्र व समाज के लिए भी जरूरी है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी संगठन में हर स्तर पर एकता सर्वोपरि है। इसके लिए मैं जो भी जरूरी है, वह सब करने को तैयार हूं। सीपीपी की बैठक की अध्यक्षता सोनिया गांधी ने की। इसमें देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति और संसद के दोनों सदनों में पार्टी की रणनीति पर चर्चा की गई।
भाजपा को लिया निशाने पर
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी भाजपा को सदियों से हमारे विविध समाज को बनाए रखने और समृद्ध करने वाले सौहार्द और सद्भाव के बंधन को नुकसान नहीं पहुंचाने देगी। भाजपा का विभाजनकारी एजेंडा राज्यों में राजनीतिक विमर्श का नियमित हिस्सा रहा है। वह अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करती है।
संसद के केंद्रीय कक्ष में हुई बैठक
बता दें कि संसद के केंद्रीय कक्ष में हुई सीपीपी की बैठक में पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी भी मौजूद थे। पांच राज्यों के हालिया चुनावों में कांग्रेस की पराजय के बाद पहली बार सीपीपी की बैठक हुई। कांग्रेस संसद में सरकार को महंगाई के मुद्दे पर लगातार घेर रही है। वह पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस के दामों में बढ़ोतरी के मुद्दे को भी प्रमुखता से उठा रही है।