New Delhi new: देश में विवाद का मुद्दा बनी ‘अग्निपथ योजना’ की समीक्षा के लिए केंद सरकार ने 10 केंद्रीय सचिवों की कमेटी गठित की है। तीनों सेनाओं की तरफ से भी इस योजना का मूल्यांकन किए जाने की खबर है। ऐसे में इस योजना में बदलाव की संभावना बन रही है। सूत्रों बताते हैं, सचिवों का यह समूह ‘अग्निपथ योजना’ के जरिये सैनिकों की भर्ती को और अधिक आकर्षक बनाने के तरीके सुझाएगा।
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जल्द ही प्रधानमंत्री को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
चर्चा है कि सचिवों का यह समूह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जल्द ही रिपोर्ट सौंपेगा। इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय इसमें सुधार के लिए जरूरी कदम उठा सकता है। बता दें कि अग्निपथ’ के तहत सेना में चार साल के लिए अग्निवीरों को भर्ती किया जाता है। नियमित वेतन के अलावा चार साल बाद अग्निवीरों को 12 लाख रुपये मिलते हैं।
विपक्ष करता रहा है विरोध, लोकसभा चुनाव में भी रहा मुद्दा
मोदी सरकार में 2022 में शुरू हुई योजना का शुरू से ही विरोध हो रहा है। लोकसभा चुनाव में भी ‘अग्निपथ योजना’ का विरोध विपक्ष का अहम मुद्दा रहा। विपक्षी गठबंधन ने घोषणापत्र में कहा था कि उनकी सरकार आयी तो ‘अग्निपथ’ खत्म कर देंगे।‘अग्निपथ योजना’ की समीक्षा राजग के 100 दिवसीय एजेंडे का भी हिस्सा है। राजग सरकार में शामिल जदयू ने इसकी समीक्षा की पहले ही मांग रख दी थी।