President Election: अब देश में नए राष्ट्रपति के चुनाव की गतिविधियां तेज हो गई हैं। यह पूरी तरह स्पष्ट हो गया है की मुकाबला एनडीए की उम्मीदवार झारखंड की पूर्व गवर्नर द्रौपदी मुर्मू और संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार देश के पूर्व वित्त और विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा के बीच है। मुर्मू का पलड़ा भारी है, फिर भी विचारधारा को लेकर यशवंत सिन्हा चुनाव मैदान में डटे हुए हैं। इस चुनाव को लेकर झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा का स्टैंड अभी तक ओपन नहीं है। यह आसानी से समझा जा सकता है कि आदिवासियत को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का झुकाव द्रोपदी की ओर स्वाभाविक है। अभी तक उन्होंने अपना पता नहीं खोला है। दिल्ली में वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मलिकार्जुन खड़गे से मुलाकात कर चुके हैं। इसके बाद इस मुलाकात की जानकारी उन्होंने प्रेस को दी थी। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कूटनीतिक अंदाज में कहा कि दिल्ली में मुलाकात हुई, बात हुई और अब आगे ब्रेक के बाद।
सीएम ने गृह मंत्री को झामुमो की भावना से कराया अवगत
दिल्ली में मुलाकात को आधिकारिक तौर पर शिष्टाचार मुलाकात बताया गया है, लेकिन सीएम की ओर से ब्रेक के बाद कहने के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। माना जा रहा है कि गृहमंत्री अमित शाह के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुलाकात में जनगणना प्रपत्र में सरना धर्म कोड को शामिल करने, केंद्र से राज्य को मिलने वाली रायल्टी और केंद्रीय उपक्रमों द्वारा सरकारी भूमि पर खनन की एवज में 1.36 लाख करोड़ रुपए बकाया पर बात हुई है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने गृहमंत्री को झामुमो की भावना से अवगत कराया।