एनडीए गठबंधन की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को लेकर विपक्षी दल अभी भी उधेड़बुन में हैं। कई विपक्षी दलों ने तो द्रौपदी मुर्मू का समर्थन भी कर दिया है। अब कांग्रेस के बड़े नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया है। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी पार्टी कांग्रेस को नसीहत भी दे दी है। वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णण ने इस बाबत ट्वीट करके राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है दी है।
बोले- द्रौपदी मुर्मू का विरोध करना सही नहीं
बताते चलें कि बुधवार की रात को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट कर लिखा कि ‘पंडित मोतीलाल नेहरु से लेकर आज तक कांग्रेस हमेशा शोषित, वंचित और आदिवासियों के साथ खड़ी रही है, राष्ट्रपति चुनाव में एक आदिवासी महिला उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू का विरोध करना मेरे विचार से बिलकुल उचित नहीं है, पार्टी हाई कमान को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए। गौरतलब है कि गुरुवार को ही 10 जनपथ पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है। बैठक में 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के अलावा कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। कांग्रेस की मीटिंग से पहले प्रमोद कृष्णम का यह ट्वीट चर्चा का विषय बन गया है।
किसी कांग्रेसी को ही मैदान में उतार देते
दूसरी ओर यूपीए की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का बुधवार को भोपाल कमलनाथ के निवास पर स्वागत किया था। इस पर भी आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ये नौबत आ गई अब, किसी कांग्रेसी को ही लड़ा देते। इससे पहले भी आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कई ऐसे बयान दिए जो कांग्रेस से बिल्कुल अलग दिखते हैं। 12 जुलाई को भी उन्होंने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा पर कटाक्ष किया था। दरअसल, यशवंत सिन्हा ने कहा था कि राष्ट्रपति चुने जाने पर मैं संविधान के संरक्षक के रूप में कार्य करूंगा और सरकार को ऐसा कुछ भी करने से रोकूंगा, जिससे प्रजातंत्र का हनन हो-जैसे राज्य में चुनी हुई सरकार को गिराना। यशवंत सिन्हा के इस बयान पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि ना नौ मन तेल होगा-ना राधा नाचेगी।