President Election 2022 : भारतीय संविधान के अनुसार 26 जनवरी 1950 को भारत गणराज्य बना। इसके अनुसार, हर पांच साल पर भारत के राष्ट्रपति का चुनाव होता है। इस चुनाव में संसद के दोनों सदनों के सदस्य (मनोनीत छोड़कर) और राज्य विधानसभाओं के चुने हुए जनता के प्रतिनिधि भाग लेते हैं। देश में राष्ट्रपति का पहला चुनाव 1952 में हुआ था और दूसरा 1957 में। ऐतिहासिक रिकॉर्ड बयां कर रहे हैं कि अब तक राष्ट्रपति के लिए जितने चुनाव हुए हैं, उनमें 1957 में हुए दूसरे चुनाव में राजेंद्र प्रसाद ने सबसे अधिक मतों से यह चुनाव जीता था। उनके पक्ष में 99.3% मत पड़े थे, जबकि विरोध में मात्र 0.4% वोट ही।
इस बार मुकाबला द्रौपदी मुर्मू और यशवंत सिन्हा के बीच
देश के 15वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए वोटिंग 18 जुलाई 2022 को हो चुकी है। आज यानी 21 जुलाई 2022 को काउंटिंग होगी और इससे स्पष्ट हो जाएगा की नया राष्ट्रपति कौन होगा। वोटों के समीकरण के आंकड़े साफ जाहिर कर रहे हैं कि NDA उम्मीदवार झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू भारी मतों से चुनाव जीतेंगी। विपक्ष के उम्मीदवार देश के पूर्व वित्त और विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा को भी कई दलों के वोट मिले हैं, पर उनका वोट प्रतिशत तुलनात्मक रूप से बहुत कम रहेगा। 25 जुलाई 2022 को नए राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण समारोह होगा।
विजय जुलूस और मर्यादा
मीडिया रिपोर्ट से यह जानकारी मिल रही है कि द्रौपदी मुर्मू की जीत के प्रति ठोस रूप से आश्वस्त भारतीय जनता पार्टी नतीजे आने के बाद दिल्ली में विजय जुलूस निकालेगी। राष्ट्रपति के चुनाव की जीत-हार को लेकर विजय जुलूस निकालने का अब तक कोई उदाहरण देश में नहीं मिलता है। मर्यादा तो यह कहती है कि ऐसा नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन आज की सियासत में मर्यादा की उम्मीद बेकार है। बेईमानी है।