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लालू पर दबिश : पटना-गोपालगंज समेत लालू के 17 ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी, रेलवे में नौकरी से जुड़े कई दस्तावेजों भी मिले

लालू पर दबिश : पटना-गोपालगंज समेत लालू के 17 ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी, रेलवे में नौकरी से जुड़े कई दस्तावेजों भी मिले

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राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार से जुड़े लोगों के 17 ठिकानों पर शुक्रवार सुबह सात बजे से शाम तक सीबीआई ने छापेमारी की। इस छापे में लालू यादव के ससुराल गोपालगंज के फुलवरिया में सीबीआई को कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। यहां से सीबीआई ने दो को हिरासत में लिया है, जबकि कई अहम दस्तावेज भी बरामद किया है।

दिल्ली में मिसा भारती व लालू के घर पर भी छापा

दिल्ली में लालू यादव और मीसा भारती के आवास पर अलग-अलग टीम छापेमारी करने पहुंची। एक टीम 10 सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी आवास में भी मौजूद थी। किसी को अंदर या बाहर जाने की अनुमति नहीं थी। सीबीआई की छापेमारी में पुरुष और महिला कर्मी शामिल थे। राजद ने इस छापेमारी को राजनीति से प्रेरित बताया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार सीबीआई का बेजा इस्तेमाल कर रही है। वह विपक्षियों को डराने के लिए एजेंसी का इस्तेमाल कर रही है। हम कल सत्ता में आएंगे तो आपको भी यही पाठ पढ़ाएंगे।

पटना में सीबीआई को नहीं लगा कुछ हाथ

दिनभर चली सीबीआई की छापेमारी में रेलवे में नौकरी से जुड़े कई अहम दस्तावेज और बैंक के पासबुक समेत अन्य कागजात मिले हैं। सीबीआई दो लोगों को पूछताछ के लिए अपने साथ लेकर गई है। हालांकि, पटना में सीबीआई को कुछ भी हाथ नहीं लगा है। जिन लोगों के घर पर सीबीआई की छापेमारी की गई है उनमें उचकागांव थाना क्षेत्र के इटावा गांव निवासी हृदयानंद यादव, देवानंद यादव और भीखम यादव हैं। तीनों सगे भाई हैं। इनमें हृदयानंद यादव रेलवे में नौकरी करते हैं, जबकि एक भाई शिक्षक हैं और तीसरे भाई घर पर नहीं मिले हैं। सीबीआई की टीम ने छापेमारी के दौरान परिवार के सदस्यों से भी कड़ाई से पूछताछ की है।

साजिश रचकर फंसाने का आरोप

सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद जब केंद्र सरकार में रेल मंत्री हुआ करते थे, तब ये सभी रेलवे में ट्रांसपोर्टर का काम करते थे। उस वक्त ही रेलवे में परिवार के सदस्यों को नौकरी मिली। इसलिए सीबीआई ने इनके घरों पर छापेमारी कर पांच घंटे से ज्यादा वक्त तक जांच की है। जांच के दौरान रेलवे में नौकरी से संबंधित दस्तावेजों को खंगाला गया है। सीबीआई के इस कार्रवाई से पूरे जिले में हलचल रही। लालू यादव के पैतृक गांव फुलवरिया और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के मायके सेलार कला में भी एक टीम पहुंची, लेकिन वहां कोई नहीं रहता है, इसलिए सीबीआई इटवा में पहुंच गयी। सीबीआई की इस कार्रवाई के बाद परिवार के सदस्यों ने साजिश के तहत फंसाने का आरोप लगाया है।

परिवार के एक-एक सदस्य से की पूछताछ

सीबीआई ने छापेमारी के दौरान परिवार के एक-एक सदस्यों से पूछताछ की है। पूछताछ के दौरान बैंक के पासबुक, परिवार के सदस्यों की नौकरी, कारोबार समेत कई बिंदु पर जानकारी ली गयी। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से इन परिवारों का क्या रिश्ता रहा है, इस मामले में भी सीबीआई ने जानकारी ली है। बताया गया है कि छापेमारी के दौरान सीबीआई ने बैंक से जुड़े कई पासबुक, दस्तावेज भी जांच करने के बाद साबूत अपने साथ लेकर गयी है। परिवार की सदस्य कांति देवी ने कहा कि सीबीआई ने महिलाओं से कोई भी जानकारी नहीं ली है। घर के पुरुष सदस्यों से पूछताछ की गयी है। दो लोगों को पूछताछ के लिए साथ लेकर गयी है।

उचकागांव थाना क्षेत्र के इटवा गांव में सीबीआइ की टीम पहुंची तो परिवार के सभी सदस्य टीम को देखते ही घर में घुस गये और अंदर से दरवाजा लॉक कर लिया। सीबीआई के साथ जब स्थानीय पुलिस ने सख्ती दिखाई तो परिजन बाहर निकले और जांच के लिए सहयोग किया। सीबीआई ने जांच के दौरान परिवार के दो पुरुष सदस्यों को कमरे से बाहर बरामदा में बुलाकर पूछताछ शुरू किया। सीबीआई की टीम ने पूछताछ के दौरान कई सवाल के जवाब मांगे, जिसमें परिवार के सदस्य बताने में हिचकते दिखे। सीबीआई ने जांच के दौरान परिवार के सदस्यों से पूछा, ‘रेलवे में नौकरी कैसे मिली’? परिवार के सभी सदस्य थोड़ी देर तक चुप रहे। बाद में सीबीआई टीम के जांच कर निकलने के बाद कहा कि फंसाने की साजिश की गयी है। हृदयानंद के परिवार में महिला कांति देवी ने कहा कि करीब दो दशक से रेलवे में नौकरी कर रहे हैं लेकिन कोई जांच नहीं हुई। अब कोई न कोई फंसाने की साजिश कर रहा है। इसलिए केंद्रीय जांच एजेंसी से छापेमारी करायी जा रही है। परिवार के सदस्यों ने कहा कि सीबीआई ने जितने भी सवाल पूछे, उसके जवाब परिवार के सदस्यों ने बेबाकी से दिया है।

एनएच से गांव तक पुलिस का पहरा

सीबीआई की छापेमारी को लेकर गोपालगंज-सीवान एनएच-531 पर इटवा मोड़ से लेकर छापेमारी स्थल तक पुलिस टीम तैनात रही। उचकागांव के अलावा मीरगंज और थावे थाने की पुलिस टीम को गांव में तैनात किया गया था। इनमें पुलिस पुलिस पदाधिकारी और सिपाही भी शामिल थी। गांव में आने जाने वाले लोगों पर पुलिस नजर रख रही थी।

सीबीआई टीम की छापेमारी से गांव के ग्रामीण भी अनभिज्ञ रहे। ग्रामीणों ने कहा कि रेलवे में इटवा गांव के हृदयानंद यादव ही नौकरी करते हैं, जो पटना में ही रहते हैं। इनके अलावा एक भाई शिक्षक हैं और दूसरे भाई भी गांव में ही रहते हैं। ग्रामीणों ने कहा कि सीबीआई की छापेमारी के बारे में उन्हें किसी तरह की जानकारी नहीं है। ग्रामीणों के मुताबिक जिनके यहां छापेमारी सीबीआई ने की है, वह परिवार सामाजिक और गांव में मिलनसार हैं।

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