Rajasthan News : राजस्थान के सिरोही जिले में अपने पिता पर भालू को हमला करते देख एक बेटी ने अपनी जिंदगी दांव पर लगा दी। पिता को बचाने के लिए 14 साल की यह जांबाज बेटी भालू से भीड़ गई और लगातार 8 मिनट तक संघर्ष करती रही। उसने भालू का मुकाबला करते हुए पिता को बचा लिया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सिरोही के रेवदर कस्बे के सिलदर गांव में 5 सितंबर की देर रात एक भालू ने किसान पर हमला कर दिया। हमला देख कुत्तों ने शोर मचाया तो खेत पर बने मकान में सो रही 14 साल की बेटी जोशना भागकर बाहर आई और भालू से भिड़ गई।
पिता को भालू ने बुरी तरह किया जख्मी
भालू ने उसके पिता किसान करमा राम चौधरी (50) को बुरी तरह घायल कर दिया। भालू ने उनके मुंह को नोंच डाला। घायल किसान को गुजरात के मेहसाणा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। हादसे के बाद उनकी बेटी जोशना और परिवार सदमे में है। जोशना ने बताया कि भालू से संघर्ष के दौरान मन में एक ही बात थी कि मुझे भले ही कुछ भी हो जाए, लेकिन पिता को कुछ नहीं होने दूंगी।
सोशल मीडिया पर बेटी की तारीफ
सोशल मीडिया पर जोशना की तारीफ हो रही है। लोग उन्हें बहादुरी के लिए पुरस्कार देने की भी मांग कर रहे हैं। जोशना 8वीं तक पढ़ी हैं और उसके बाद खेत से स्कूल की दूरी ज्यादा होने के कारण पढ़ाई छोड़ दी। उदयपुर के अनिल रोजर्स (वन्यजीव संरक्षणकर्ता) एवं लक्ष्मण पारंगी के मुताबिक भालू खतरे के समय ज्यादा आक्रामक हो जाता है। शिकार छूट भी जाए तो फिर पकड़ लेता है। व्यक्ति अकेला हो तो बचना मुश्किल होता है। वह सिर पर पहले अटैक करता है। एक वार ही अधमरा कर देता है। भालू आंख पर चोट लगने पर संभवत: पीछे हट सकता है।