Home
National
International
Jharkhand/Bihar
Health
Career
Entertainment
Sports Samrat
Business
Special
Bright Side
Lifestyle
Literature
Spirituality

राज्यसभा चुनाव : सोनिया गांधी ने उत्तर प्रदेश को छोड़ राजस्थान से भरा नामांकन

राज्यसभा चुनाव : सोनिया गांधी ने उत्तर प्रदेश को छोड़ राजस्थान से भरा नामांकन

Share this:

National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को राजस्थान से राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया। सोनिया गांधी ने राज्य विधानसभा के सचिव एवं रिटर्निंग ऑफिसर महावीर प्रसाद शर्मा को अपना नामांकन पत्र सौंपा।

इस मौके पर सोनिया गांधी के साथ उनके पुत्र एवं सांसद राहुल गांधी, पुत्री प्रियंका गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली मौजूद रहे। सोनिया गांधी वर्तमान में उत्तर प्रदेश के रायबरेली से लोकसभा की सदस्य हैं। अब उन्होंने पहली बार राज्यसभा के लिए नामांकन भरा है।

राजस्थान में राज्यसभा की 10 सीटें हैं, इनमें से तीन सीटों के लिए निर्वाचन होना है। ये सीटें 03 अप्रैल 2024 को रिक्त हो रही हैं। कांग्रेस के डॉ. मनमोहन सिंह और भाजपा के भूपेन्द्र यादव का कार्यकाल 03 अप्रैल 2024 को पूरा हो रहा है, जबकि भाजपा के डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने विधानसभा चुनाव जीतने के बाद राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था। विधायकों की संख्याबल के हिसाब से तीन में से दो सीट पर भाजपा और एक सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी की जीत तय है।

मुख्य निवार्चन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि 15 फरवरी तक नामांकन पत्र भरे जा सकेंगे। नामांकन पत्रों की संवीक्षा 16 फरवरी को विधानसभा के कमरा नं. 751 में होगी। अभ्यर्थी 20 फरवरी तक नाम वापस ले सकेंगे। आवश्यक होने पर मतदान 27 फरवरी को सुबह 09 से शाम 04 बजे तक होगा। मतगणना इसी दिन सायं 5 बजे से होगी। चुनाव प्रक्रिया 29 फरवरी से पूर्व सम्पन्न कर ली जायेगी।

वर्तमान में भाजपा के तीसरा और कांग्रेस के दूसरा उम्मीदवार घोषित नहीं करने के कारण निर्विरोध चुनाव होने की सम्भावना है। निर्विरोध चुनाव होने के कारण 27 फरवरी को वोटिंग नहीं होगी। चूंकि, 20 फरवरी को नाम वापसी की आखिरी तारीख है। सम्भवत: इसी दिन शाम को रिजल्ट घोषित किया जा सकता है। राज्यसभा चुनाव के फार्मूले के हिसाब से एक सीट के लिए 51 विधायकों की प्रथम वरीयता के वोट चाहिए। भाजपा के पास 115 विधायक हैं, इसलिए दो ही सीट जीत सकती है। तीसरी सीट जीतने के लिए भाजपा के पास संख्या बल नहीं है, जबकि एक सीट कांग्रेस के खाते में जाना तय है।

Share this: