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गर्भ गृह में स्थापित हुआ रामलला का विग्रह, 24 अलग- अलग पद्धतियों से प्रारम्भ हुई पूजन प्रक्रिया

गर्भ गृह में स्थापित हुआ रामलला का विग्रह, 24 अलग- अलग पद्धतियों से प्रारम्भ हुई पूजन प्रक्रिया

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Ramlala’s idol established in the sanctum sanctorum, worship process started with 24 different method, dharm, religious, Dharma- Karma, Spirituality, Ayodhya news, UP news  : उत्तर प्रदेश स्थित अयोध्या के राम मंदिर के गर्भ गृह में 500 साल पुराना सपना साकार हो रहा है। गुरुवार को शुभ मूहुर्त में रामलला के विग्रह को राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित कर दिया गया। इसके बाद 24 अलग-अलग पद्धतियों से पूजन प्रक्रिया शुरू हुई। सभी 131 वैदिक दोपहर 12 बजे राम जन्मभूमि गर्भ गृह पहुंचे। इसके बाद रामलला के विग्रह को गर्भ गृह में स्थापित किया गया। गुरुवार को 1:20 बजे संकल्प हुआ।

इन विधियों से की जा रही पूजा- अर्चना

इसके बाद गणेशाम्बिकापूजन, वरुणपूजन, चतुर्वेदोक्त पुण्याहवाचन, मातृकापूजन, वसोर्धारापूजन (सप्त घृत मातृका पूजन), आयुष्यमन्त्रजप, आचार्यादिचऋत्विग्वरण, नान्दीश्राद्ध, मधुपर्कपूजन, मण्डपप्रवेश, पृथ्वी-कूर्म-अनन्त- वराह-यज्ञभूमि-पूजन, दिग्ररक्षण, पञ्चगव्य-प्रोक्षण, मण्डपाङ्ग वास्तुपूजन, वास्तु बलिदान, मण्डप सूत्रवेष्टन, दुग्ध-धारा, जलधाराकरण, षोडशस्तम्भपूजनादि मण्डपपूजा (तोरण, द्वार, ध्वज, आयुध, पताका, दिक्पाल, द्वारपालादिपूजा), मूर्ति का जलाधि वास, गन्धादिवास, सायंकालिक पूजन एवं आरती होगी। विदित हो कि इससे पहले बुधवार को जलयात्रा भव्य रूप से हुई। भगवान श्री रामलला जी की प्रतीकात्मक मूर्ति की शोभायात्रा उत्साह के साथ सम्पन्न हुई। मण्डप में आनन्द रामायण का पारायण प्रारम्भ हुआ। क्योंकि रामलला की असल प्रतिमा काफी बड़ी और भारी है, इसलिए उनकी प्रतीकात्मक प्रतिमा को पालकी में बैठाकर मंदिर का भ्रमण कराया गया।

किस दिन कौन सा कार्यक्रम होगा

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा जारी किये गये कार्यक्रमों के अनुसार, 19 जनवरी 2024 को औषधादिवास, केसराधिवास, घृताधिवास, धान्याधिवास का आयोजन किया जायेगा। इसके बाद 20 जनवरी को शर्कराधिवास, फलाधिवास, पुष्पाधिवास का आयोजन है। इसके बाद प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के एक दिवस पहले 21 जनवरी को मध्याधिवास और शय्याधिवास का आयोजन किया गया है। वहीं, 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का शुभ योग है। तीर्थ क्षेत्र द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक, शास्त्रीय परम्पराओं का पालन करते हुए प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम अभिजीत मुहूर्त में सम्पन्न होगा। वहीं, प्राण प्रतिष्ठा के पहले शुभ संस्कार 16 जनवरी 2024 से लेकर 21 जनवरी 2024 तक चलेंगे।

प्रधानमंत्री ने डाक टिकट किया जारी

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को अयोध्या के राम मंदिर पर छह विशेष स्मारक डाक टिकट और दुनिया भर से भगवान राम को समर्पित टिकटों वाली एक बुकलेट का भी अनावरण किया।

स्मारक डाक टिकटों में राम मंदिर, भगवान गणेश, भगवान हनुमान, जटायु, केवटराज और मां शबरी शामिल हैं। वहीं, स्टाम्प बुकलेट विभिन्न समाजों पर भगवान राम की अंतरराष्ट्रीय अपील को प्रदर्शित करने का एक प्रयास है। 48 पृष्ठों की इस पुस्तक में अमेरिका, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, कनाडा, कंबोडिया और संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठनों सहित 20 से अधिक देशों द्वारा जारी किये गये डाक टिकट शामिल हैं।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘आज, मुझे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से सम्बन्धित एक और कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला। आज, राम मंदिर को समर्पित छह डाक टिकट जारी किये गये। इसके अलावा, दुनिया भर में भगवान राम पर जारी टिकटों की एक पुस्तक भी जारी की गयी।

डाक टिकट अगली पीढ़ी तक इस क्षण को पहुंचाएगा

डाक टिकट विचारों, इतिहास और ऐतिहासिक अवसरों को अगली पीढ़ी तक पहुचाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि ये टिकट केवल कलात्मक कार्य नहीं है। ये इतिहास की किताबों और कलाकृतियों के रूपों और ऐतिहासिक स्थलों का सबसे छोटा रूप होते हैं।

उन्होंने कहा कि इन टिकटों में राम मंदिर का भव्य चित्र है। कलात्मक अभिव्यक्ति के जरिये रामभक्ति की भावना है और मंगल भवन अमंगल हारी लोकप्रिय चौपाई के माध्यम से राष्ट्र के मंगल की कामना है। इनमें सूर्यवंशी राम के प्रतीक सूर्य की छवि है, जो देश में नये प्रकाश का संदेश भी देता है। इनमें पुण्य सरयू नदी का चित्र भी है। जो राम के आशीर्वाद से देश को सदैव गतिमान रहने का संदेश देती है।

हर व्यक्ति से जुड़ा है रामायण

प्रधानमंत्री ने कहा कि 5 भौतिक तत्व यानी आकाश, वायु, अग्नि, पृथ्वी और जल, जिन्हें ‘पंचभूत’ के रूप में जाना जाता है, विभिन्न डिजाइन तत्वों के माध्यम से परिलक्षित होते हैं और पंचमहाभूतों का पूर्ण सामंजस्य स्थापित करते हैं।

उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम, देवी सीता और रामायण की कहानियां समय, समाज, जाति, धर्म और क्षेत्र की सीमाओं से परे प्रत्येक एक व्यक्ति से जुड़ी हैं। सबसे मुश्किल समय में भी त्याग, एकता और साहस के साथ दिखाने वाली रामायण तमाम चुनौतियों के बावजूद प्रेम की जीत के बारे में सिखाती है। रामायण पूरी मानवता को अपने साथ जोड़ती है। यही कारण है कि रामायण पूरे विश्व में आकर्षण का केन्द्र रही है। दुनिया के विभिन्न देशों और संस्कृतियों में रामायण को लेकर एक उत्साह रहा है।

केन्द्रीय कर्मचारियों को मिलेगा आधा दिन का अवकाश

केन्द्र सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर पूरे देश में सभी केन्द्रीय सरकारी कार्यालयों, केन्द्रीय संस्थानों और केन्द्रीय औद्योगिक प्रतिष्ठानों को 22 जनवरी को दोपहर 2:30 बजे तक (आधा दिन) बंद रखने की घोषणा की है।

इस सम्बन्ध में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से एक आॅफिस मेमोरेंडम जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि 22 जनवरी को राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा उत्सव में कर्मचारियों को शामिल होने के लिए दोपहर ढाई बजे तक का अवकाश दिया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि देश इस प्राण प्रतिष्ठा को उत्सव की तरह मनाने की तैयारी कर रहा है। प्रधानमंत्री ने लोगों से इस दिन दीपावली मनाने और देश को जग-मग करने की अपील की है।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से चिढ़ा पाकिस्तान

ऐतिहासिक शहर अयोध्या 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए तैयार हो रहा है, गलत सूचना फैलाने और भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने के लिए गुप्त सोशल मीडिया अभियान सामने आया है। अभियान में पुराने और नए बनाए गए दोनों ट्विटर हैंडल शामिल हैं, जो सक्रिय रूप से राम मंदिर की आलोचना करने वाली सामग्री साझा कर झूठे दावे फैला रहे हैं। पाकिस्तान कथित तौर पर राम मंदिर की आलोचना करने वाली सामग्री को सक्रिय रूप से साझा कर झूठे दावों को प्रसारित करने के लिए सोशल मीडिया हैंडल का उपयोग कर रहा है।

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