New Delhi news : जाने माने उद्योगपति मुकेश अंबानी की कम्पनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने वित्त वर्ष 2023-24 में कुल 1,86,440 करोड़ का टैक्स सरकार के खजाने में टैक्स के तौर पर जमा कराया है। यह पिछले साल के मुकाबले 09 हजार करोड़ रुपये से अधिक है। कम्पनी की सालाना वार्षिक रिपोर्ट में यह बात सामने आयी। देश की अर्थव्यवस्था में रिलायंस का योगदान काफी अहम रहा है। फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में 20 लाख करोड़ के बाजार पूंजीकरण का आंकड़ा पार करनेवाली रिलायंस भारत की पहली कम्पनी बन गयी है। कोई दूसरी कम्पनी यह आंकड़ा अब तक नहीं छू पायी है। पिछले वित्त वर्ष की तुलना में यह 27 फीसदी का उछाल है। बाजार पूंजीकरण मार्केट कैपिटालाइजेशन यानी बाजार पूंजीकरण के मामले में रिलायंस दुनिया की 48 वीं कम्पनी है। वहीं, कंसोलिडेटेड रेवेन्यू में भी रिलायंस ने 10 लाख करोड़ के मुकाम को पार कर लिया है।
निर्यात में भी रिलायंस देश की रीढ़ मजबूत कर रहा है। पिछले वित्त वर्ष में रिलायंस ने करीब 03 लाख करोड़ रुपये का निर्यात किया। निर्यात ही नहीं, देश में पूंजीगत परिसम्पत्तियों के निर्माण में भी रिलायंस निजी क्षेत्र के सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक है। वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस ने वित्त वर्ष 2023-24 में 01 लाख 35 हजार करोड़ से अधिक का निवेश किया।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने वार्षिक रिपोर्ट में कहा, “पिछले दशक में वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में भारत का महत्त्व कई गुना बढ़ गया है। अस्थिरता और अनिश्चितता की इस दुनिया में, भारत स्थिरता और समृद्धि के प्रतीक के रूप में चमक रहा है। सभी क्षेत्रों में मजबूत विकास 140 करोड़ भारतीयों के सामूहिक प्रयास का नतीजा है। भारत और भारतीयता की यही भावना रिलायंस को निरन्तर इनोवेशन करने और हर उद्यम में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है। रिलायंस परिवार के लिए भारत के विकास की कहानी का हिस्सा बनना और इसकी शानदार वृद्धि में योगदान देना गर्व की बात है।
समाज के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए कम्पनी ने सोशल रिस्पांसिबिलिटी की मद में कुल 1,592 करोड़ रुपये खर्च किये। इससे पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले यह 300 करोड़ अधिक हैं। मुनाफा कमाने में भी कम्पनी अव्वल रही। वित्त वर्ष 2023-24 में टैक्स के बाद लाभ 79 हजार करोड़ से अधिक रहा। यह पिछले वित्त वर्ष से 7.3 प्रतिशत अधिक रहा पिछले बार यह 73 हजार 670 करोड़ था।