Maharashtra (महाराष्ट्र) में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा- हिंसा से किसी को फायदा नहीं मिलेगा। जिन देशों को हिंसा प्यारी है, वो अपने आखिरी दिन गिन रहे हैं। हमें हमेंशा अहिंसावादी और शांतिप्रिय रहना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि समाज के हर वर्ग के लोगों को साथ लाया जाए, ताकि इंसानियत बची रहे।
देश में एक सिंधी यूनिवर्सिटी जरूरी
इस दौरान मोहन भागवत ने ये भी कहा कि सगंठित भारत के लिए जरूरी है कि देश में एक सिंधी यूनिवर्सिटी भी हो। उन्होंने कहा- सिंधी भाषा और उसकी संस्कृति को बचाए रखने के लिए जरूरी है कि देश में एक सिंधी यूनिवर्सिटी बनाई जाए। भारत एक बहु भाषायी देश है और हर भाषा की अपनी विशेषता है। बंटवारे के दौरान कुछ सिंधी लोग पाकिस्तान में ही रुक गए ताकि वो अपने धर्म और जमीन की रक्षा कर सकें वहीं काफी सारे सिंधी अपनी जमीन छोड़कर भारत भी आए ताकि अपनी संस्कृति अपनी भाषा को जिंदा रख सकें। कहा, मैने पहले भी सिंधी यूनिवर्सिटी बनाने की अपील की है, लेकिन मैं सरकार में नहीं हूं। ये सरकार हो चाहे दूसरी सरकार, समाज के दवाब में ही कोई काम होता है। सरकारों के लिए सामाजिक दवाब पेट्रोल की तरह होता है। अगर आप सिंधी यूनिवर्सिटी का ख्वाब पूरा होते देखना चाहते हैं,तो आपको सरकार पर दवाब बनाना होगा।