रूस और यूक्रेन में चल रही लड़ाई लगातार नौवें दिन जारी है और ऐसे में यह सवाल उठने लगा है कि क्या इसका प्रभाव रूस के साथ भारत के रक्षा सौदों पर पड़ेगा। क्या पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर कई सारे आर्थिक प्रतिबंध लगाने की स्थिति में एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की डिलीवरी प्रभावित हो सकती है। इस सवाल का जवाब रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने बड़ा ही स्पष्ट ढंग से दिया है।
रूसी राजनयिक इस मसले पर क्या बोले
भारत में मौजूद रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने एक चैनल से बात करते हुए बताया कि मुझे भारत को एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की सप्लाई के संबंध में कोई बाधा नहीं दिख रही है। हमारे पास इस सौदे को जारी रखने के लिए तमाम तंत्र मौजूद हैं।’ उन्होंन कहा कि ‘रूस हमेशा राख से उठकर खड़ा होता है और हम फिर से उठेंगे। हमने अपने को पूरी तरह से सुरक्षित करने के लिए ही ये कदम उठाए हैं। हमारी अर्थव्यवस्था दबाव से बाहर निकलेगी।
एक नज़र एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम डील पर
भारत को रूस से एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की पहली खेप प्राप्त हो चुकी है। लेकिन अभी चार अन्य की डिलीवरी होनी बाकी है। रूस की ओर से अभी तक डिलीवरी में देरी का कोई संकेत नहीं मिले हैं, लेकिन यूक्रेन के साथ यह संकट लंबा चला तो यह चिंता का विषय जरूर हो सकता है। इसके अलावा CAATSA कानून के तहत खरीदारी के लिए अमेरिका का भारत पर प्रतिबंध एक अलग संभावना है। अभी तक अमेरिका चीन और तुर्की पर प्रतिबंध लगा चुका है, लेकिन भारत को नजरअंदाज किया गया है।
भारत को नुकसान का अनुमान
रूस-यूक्रेन संकट के चलते वैश्विक बाजार पर खतरा बरकरार है। दुनियाभर के शेयर बाजार बुरी तरह लड़खड़ाकर संभल रहे हैं। कुछ देशों की करेंसी वैल्यू पर असर पड़ा है. इस भू-राजनीतिक तनाव का और बुरा असर ग्लोबल मार्केट पर दिख सकता है। मशहूर फाइनेंशियल एंड रिसर्च कंपनी नोमुरा (Nomura) की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन संकट के चलते एशिया में सबसे बड़ा असर भारत पर हो सकता है। क्रूड ऑयल (Crude Oil Prices) की आसमान छूती कीमतों का असर भारत को सबसे अधिक प्रभावित कर सकता है।