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कठुआ-उधमपुर-डोडा क्षेत्र की पहाड़ियों और घने जंगलों में आतंकियों की तलाश, सेना के अतिरिक्त जवान तैनात

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Jammu news : जम्मू-कश्मीर के कठुआ-उधमपुर-डोडा क्षेत्र की पहाड़ियों और घने जंगलों में सेना के अतिरिक्त जवानों को तैनात किया गया है। इसी बीच कठुआ जिले में सेना के गश्ती दल पर घात लगाकर हमला करनेवाले आतंकवादियों की तलाश पांचवें दिन भी जारी रही।

सेना के अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को हुए हमले में पांच सैन्यकर्मी बलिदान होने के बाद अब तक 60 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। इनमें तीन ऐसे व्यक्ति भी हैं, जिन पर आतंकवादियों को भोजन और आश्रय प्रदान करने का संदेह है। हिरासत में लिये गये लोगों में एक महिला भी है, जिसने 10 से 15 आतंकवादियों के लिए भोजन पकाया और उसे एक व्यक्ति को दिया। अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि यह भोजन आतंकवादियों के लिए था।

संयुक्त रणनीति तैयार करने पर चर्चा 

अधिकारियों ने बताया कि कठुआ में जम्मू-कश्मीर और पंजाब के वरिष्ठ पुलिस और सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर सुरक्षा ग्रिड पर चर्चा करने के लिए मुलाकात की। उन्होंने बताया कि अंतरराज्यीय सुरक्षा समीक्षा बैठक में जम्मू-कश्मीर और पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा पार से घुसपैठ से निपटने और पंजाब की सीमा से लगे जम्मू क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए एक संयुक्त रणनीति तैयार करने पर चर्चा की गयी।

जवान सावधानी से आगे बढ़ रहे

तलाशी अभियान के बारे में अधिकारियों ने कहा कि जवान सावधानी से आगे बढ़ रहे हैं, क्योंकि इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडीएस) का खतरा है। तलाशी अभियान का विस्तार जम्मू क्षेत्र के कठुआ, उधमपुर और डोडा जिलों के पहाड़ी इलाकों में किया गया है, जहां जून से आतंकी घटनाओं में तेजी आयी है। सेना की 09 कोर के जवानों ने कठुआ की पहाड़ियों में अपनी मौजूदगी बढ़ा दी है, जबकि 16 कोर के डेल्टा फोर्स ने उधमपुर और डोडा के जुड़वां जिलों में और कर्मियों को तैनात किया है।

…ताकि आतंकवादी भाग न सकें

अधिकारियों ने बताया कि ऐसा पहाड़ी इलाकों की घेराबंदी के लिए किया गया है, ताकि आतंकवादी भाग न सकें। उन्होंने बताया कि ग्राउंड टीमों को मानव रहित हवाई वाहनों से प्राप्त निगरानी डेटा से सहायता मिल रही है। उन्होंने बताया कि सेना के विशेष बल और खोजी कुत्तों की टुकड़ियां तैनात की गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि इन इलाकों में घने जंगल, गहरी घाटियां, गुफाएं और ऊबड़-खाबड़ इलाके हैं, जहां सैनिकों को बारिश और कोहरे जैसी प्रतिकूल मौसम स्थितियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि राजमार्गों और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में चल रही अमरनाथ यात्रा के स्थल भी शामिल हैं, जहां संभावित आईईडी खतरों से निपटने के लिए सुरक्षा उपाय बढ़ा दिये गये हैं।

आतंकी हमलों व अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा पर मंथन

इधर, कठुआ के बदनोता में आतंकी हमले में सेना के पांच जवानों के बलिदान होने के बाद पुलिस लाइन कठुआ में बीएसएफ और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों सहित खुफिया एजेंसियों की एक उच्च स्तरीय अंतरराज्यीय सुरक्षा समीक्षा बैठक हुई। बैठक में आतंकी हमलों को रोकने और अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा पर मंथन किया गया। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा ग्रिड की समीक्षा करने और किसी भी खामियों को दूर करने के लिए बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई।

बैठक में जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन, पंजाब के डीजीपी गौरव यादव और बीएसएफ पश्चिमी कमान के विशेष महानिदेशक वाईबी खुरानिया, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) जम्मू-कश्मीर विजय कुमार, एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) पंजाब अर्पित शुक्ला, पंजाब एवं जम्मू के महानिरीक्षक रैंक के बीएसएफ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।

मछेडी के घने जंगलों तक पहुंचने में कामयाब रहे

आपस में समन्वय मजबूत करने के लिए यह बैठक कर रही हैं। अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादी कठुआ उधमपुर के बसंतगढ और डोडा जिले के भद्रवाह को जोड़नेवाले मछेडी के घने जंगलों तक पहुंचने में कामयाब रहे। आतंकवादियों ने अतीत में भी इस मार्ग का उपयोग किया था, जब दो दशक पहले क्षेत्र में आतंकवाद चरम पर था। इस क्षेत्र को आतंकवादियों से मुक्त कर दिया गया था, लेकिन फिर आतंकवादी गतिविधियां शुरू होने से गंभीर सुरक्षा चिन्ता पैदा हो गयी हैं। गुरुवार को चौथे दिन भी आतंकवादियों की व्यापक तलाश में 50 से अधिक लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि कठुआ के साथ ही उधमपुर और डोडा जिले की सीमा से लगते जंगलों को भी खंगाला जा रहा है। सेना के वरिष्ठ अधिकारी लगातार निगरानी बनाए हुए हैं। सूत्रों के अनुसार उस ट्रैक्टर-ट्रॉली चालक से भी पूछताछ की जा रही है जो हमले के वक्त सैन्य वाहन के ठीक आगे चल रहा था।

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