Politics (सियासत) में नेता के मुंह से निकली हुई बात का बड़ा महत्व होता है। कब किसने क्या कहा और उसका संदर्भ क्या है, इसे लेकर सियासी चर्चाएं शुरू हो जाती हैं। 14 मई को बिहार की सियासत में कुछ ऐसा ही देखने को मिला। कोईलवर में पुल के वर्चुअल उद्धाटन के दौरान केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी की भी जुबान फिसल गई। इस दौरान अपने संबोधन भाषण के दौरान उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जगह तारकिशोर प्रसाद का नाम ले लिया। यह गलती से हुई गलती थी या जानबूझ कर बिहार में होने वाले सियासी बदलाव के संकेत थे, ये तो समय बताएगा, पर इस बयान के बाद से ही एनडीए के दोनों घटक दलों के बीच की कड़वाहट एक बार फिर खुलकर सबके सामने आ गई है। इस बीच राजद भी सियासी मजा लेता रहा।
RJD का तंज,बीजेपी की मंशा साफ
विपक्षी दल आरजेडी ने इस घटना के बाद तंज कसा है। आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बीजेपी की मंशा साफ हो गई है और अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पत्ता साफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने जिस तरह से कोईलवर पुल उद्धाटन को लेकर पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम पोस्टर और कार्ड से हटाया, फिर जब इस मामले ने तुल पकड़ा तो आनन-फानन में पथ मिर्माण विभाग के पोस्टर पर मुख्यमंत्री क चेहरा दिया गया। इससे नीतीश कुमार के प्रति बीजेपी के मन में चल रही सच्चाई का पता चलता है।