Shri Ram Janmabhoomi temple being built on artificial rock will be amazing in many respects, Ayodhya news, National top news, new Delhi top news, national news, national update, national news : श्रीराम जन्मभूमि (Shri Ram janm Bhumi) पर बन रहा मंदिर (temple) कई मामलों में अद्भुत होगा। इसे न सिर्फ आर्टिफिशियल चट्टान पर बनाया जा रहा है, बल्कि मंदिर के लिए मिले करीब 70 एकड़ जमीन में से 50 एकड़ भू-भाग पर पेड़-पौधे लगाये जायेंगे। खाली परिसर को 600 पेड़-पौधों से हरा भरा किया जायेगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री चम्पत राय ने मंगलवार को तीर्थ भवन में पत्रकार वार्ता में बताया कि मंदिर निर्माण के शुरुआती दौर में नींव खड़ा करने के लिए जमीन नहीं मिल रही थी। खुदाई वाले स्थान पर केवल बालू था और इस पर नींव खड़ी करना चुनौती था, लेकिन देश के अनेक आईआईटी का सहयोग मिलने के बाद इसके निर्माण की राह आसान हुई। मंदिर (temple) की नींव को नमी से बचाने की कोशिशों पर भी गौर किया गया। अंतत: ग्रेनाइड (granite) का इस्तेमाल कर 14 मीटर मोटा आर्टिफिशियल चट्टान (रॉक) तैयार हुआ और तब निर्माण कार्य शुरू हो सका। इस कार्य में सिर्फ 2.50 प्रतिशत सीमेंट का उपयोग हुआ है। कंक्रीट और मोरंग बालू का उपयोग न के बराबर हुआ है।
चट्टान तैयार करने में मशक्कत करनी पड़ी
आर्टिफिशियल चट्टान तैयार करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। नींव के लिए हो रही खुदाई में पहले 14 मीटर गहराई तक बालू हटाया गया। वजह, जमीन के नीचे मिट्टी थी ही नहीं। फिर, इसे स्टोन डस्ट और कोयले की राख से भरा गया। इसमें सीमेंट का महज 2.5 प्रतिशत ही उपयोग हुआ है। भराई का यह कार्य 64 लेयर में पूरा हुआ है। जमीन से पानी निकाल कर नमी कम करते हुए हर लेयर को रोलर से दबाया गया है।
14 फिट चौड़े परकोटे का निर्माण इसकी बड़ी विशेषता
गोवा से आये एक वालंटियर के रूप में मंदिर निर्माण कार्य से जुड़े इंजीनियर गिरीश सहस्र भोजनी ने बताया कि मंदिर निर्माण में 14 फिट चौड़े परकोटे का निर्माण इसकी विशेषताओं में से एक है। इसके चारों दिशाओं की कुल लम्बाई 800 मीटर होगी। यह अपने आपमें अद्भुत है। इसके चारों किनारों पर बननेवाले चार मंदिर इसे द्रविण शैली का लुक देंगे। डबल स्टोरी में बनने वाले इस परकोटे के निचले हिस्से में सीसी टीवी कैमरे, पूजा सामग्री और अन्य सामान रखे जाने की व्यवस्था होगी, तो ऊपरी हिस्से का उपयोग परिक्रमा मार्ग के रूप में किया जायेगा। इस परकोटा के ऊपरी हिस्से पर बनने वाले 06 मंदिर आदि शंकराचार्य के पंचायतन कान्सेप्ट की गवाही देंगे।
सीवरेज सिस्टम को बहुत मजबूत रखेगा
न्यास ने मंदिर क्षेत्र में होनेवाले जल के उपयोग का भार नगर निगम पर न पड़े, इसका पूरा ख्याल रखा है। सीवरेज सिस्टम को यह बहुत ही मजबूत रखेगा। सीवर के पानी को साफ कर फिर से उपयोगी बनाने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट तो लगेगा ही, दो वाटर प्लांट और एक पावर हॉउस की स्थापना भी की जायेगी। सड़क के किनारे वाले क्षेत्र में ही वाटर ग्राउंड रिजर्व स्थापित करने का कार्य भी होगा।
श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छ पेयजल की भी व्यवस्था
महामंत्री चम्पत राय के मुताबिक यहां आनेवाले तीर्थ यात्रियों की प्यास मिटाने और उनके स्वास्थ्य के अनुकूल रहने का पूरा प्रबंध रहेगा। सभी दशार्नार्थियों को पीने का स्वच्छ जल मुहैया कराने के लिए 400 फिट अंदर के भू-जल 24 घंटे विभिन्न प्वाइंट्स पर उपलब्ध रहेंगे। जनरेटर की भी व्यवस्था की जायेगी। तकनीकी युग में तकनीकी से लैस दर्शनार्थियों के लिए चार्जिंग प्वाइंट्स भी स्थापित होंगे। 380 फुट लम्बे और 250 फुट चौड़े श्रीराम मंदिर परिसर में आनेवालों को मोबाइल, लैपटॉप आदि इंस्ट्रूमेंट चार्ज करने में भी कोई दिक्कत नहीं होगी। अनेक स्थानों पर आसानी से चार्जिंग प्वाइंट्स मिलेंगे।