After along period (लंबे समय के बाद) भारत के भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी मामले में सीबीआई को एक छोटी सफलता मिली है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नीरव मोदी के करीबी सुभाष शंकर परब को 12 अप्रैल को सुबह मिस्र की राजधानी काहिरा से भारत लाया गया। भारत लाते ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) 7,000 करोड़ रुपये के नीरव मोदी बैंक धोखाधड़ी मामले में अहम आरोपी सुभाष शंकर परब को एक बड़े अभियान के तहत मिस्र से निर्वासित कराके भारत लाने में सफल रहा।
नीरव का दाहिना हाथ है परब
अधिकारियों ने बताया कि परब ‘फायरस्टार डायमंड’ में उप महाप्रबंधक (वित्त) था। काहिरा में कथित रूप से छुपे हुए परब को ”निर्वासित किए जाने के बाद” 12 अप्रैल को तड़के मुंबई लाया गया। अधिकारियों ने बताया कि नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी की संलिप्तता वाला मामला सामने के बाद से परब फरार था। 49 साल के सुभाष शंकर परब को नीरव मोदी का दाहिना हाथ माना जाता है और दुबई में फायरस्टार डायमंड इंटरनेशनल लिमिटेड और डायमंड आर यूएस फर्मों में एक वरिष्ठ निदेशक था। आरोप है कि परब ने 13,578 करोड़ के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह जनवरी 2018 में दुबई से काहिरा भाग गया।
पेश किया जाएगा मुंबई की अदालत में
सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नीरव मोदी को सीधे रिपोर्ट करने वाले परब को मुंबई लाया गया और उसके आने पर गिरफ्तार कर लिया गया। उसे हिरासत में लेने के लिए मुंबई की एक अदालत में पेश किया जाएगा। पीएनबी धोखाधड़ी में जांच से पता चला है कि परब ने व्यक्तिगत रूप से पीएनबी अधिकारी गोकुलनाथ शेट्टी की मिलीभगत से जारी किए गए लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के कलेक्शन की निगरानी की थी।
एक अधिकारी के मुताबिक, परब कंपनी में अपने जूनियर्स को बैंक के मूल दस्तावेज हासिल करने और उन्हें डायमंड आर यूएस ऑफिस लाने के लिए मुंबई में ब्रैडी हाउस में पीएनबी शाखा का दौरा करने का निर्देश देता था।