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LAC पर तनाव है तो क्या हुआ, भारत हर स्तर पर मुकाबला करने को तैयार, जिनपिंग ने…

LAC पर तनाव है तो क्या हुआ, भारत हर स्तर पर मुकाबला करने को तैयार, जिनपिंग ने…

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What if there is tension on LAC, India is ready to fight at every level, Jinping said…, China- India relationship, Breaking news, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news: लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति कोई नई बात नहीं है। चीन यानी ड्रैगन हर वक्त इसी फिराक में रहता है कि सीमा पर तनाव पैदा कर भारत को दबाव में लाया जाए, लेकिन ऐसा संभव नहीं है, क्योंकि हर तरह का मुकाबला करने के लिए हमारी आर्मी हमेशा तैयार रहती है। 

चीन राजनयिक स्तर पर हालात सुधारना चाह रहा

हम लगातार देखते हैं कि तनाव को कम करने की कोशिश दोनों तरफ से सैन्य स्तर पर हुई। लेकिन, पहली बार ऐसा हुआ कि चीन की तरफ से आधिकारिक स्तर पर राजनयिक स्तर पर हालात को सुधारने की कोशिश हो रही है। गलवान में भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच झड़प के बाद से भारत और चीन के संबंध सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं। इस मुठभेड़ के बाद भारत में 59 चीनी एप्स को बैन किया गया। 

भारत लगातार चीन पर निर्भरता को घटाने में लगा हुआ

भारत लगातार चीन पर अपनी निर्भरता को घटाने में लगा हुआ है। इन सब के बीचचीन भारत में जी-20 सम्मेलन में शामिल नहीं हुआ। चीन ने 18 महीने से अपने राजदूत कि नियुक्त भारत में नहीं की। भारत में चीनी एबेंसी खाली पड़ी थी। इन सब के बीच अब चीन और भारत में बातचीत का कोई दौर नहीं रहा तो तनाव को कम करने के लिए चीन ने अपने राजदूत की नियुक्ति कर दी। वो भी तब जब चीन की तरफ से भारत के एक राज्य अरुणाचल प्रदेश को लेकर अपना दावा जताया था। इससे भी भारत खफा है। 

भारत में चीनी राजदूत

भारत में चीन के नये राजदूत शू फेइहोंग दिल्ली पहुंच गए हैं। भारत में चीन के राजदूत का पद करीब 18 महीने से खाली था, जो चार दशकों में सबसे लंबा अंतराल है। शू ने कहा कि चीन एक-दूसरे की चिंताओं को समझने और बातचीत के माध्यम से विशिष्ट मुद्दों का पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान खोजने के लिए भारत के साथ काम करने को तैयार है। उन्होंने पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से जारी सैन्य गतिरोध के बीच यह बात कही है।  

दोस्ती को प्रगाढ़ बनाने का सर्वश्रेष्ठ प्रयास

शूने सुन वेइदोंग की जगह ली है, जो भारत में अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद अक्टूबर 2022 में रवाना हो गए थे। शू का भारत आगमन पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध को हल करने के लिए बीजिंग और नयी दिल्ली के बीच लंबी सैन्य व राजनयिक वार्ता के बीच हुआ है। उन्होंने कहा कि यह एक सम्मानजनक मिशन और महत्वपूर्ण ड्यूटी है। मैं सर्वश्रेष्ठ कोशिश करूंगा।

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