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कहीं बवाल, तो कहीं चक्काजाम !, बिहार में ट्रेनें रोकीं, पटना में लाठीचार्ज

कहीं बवाल, तो कहीं चक्काजाम !, बिहार में ट्रेनें रोकीं, पटना में लाठीचार्ज

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एससी-एसटी क्रीमी लेयर के विरोध में भारत बंद का मिला जुला असर

Breaking news, National top news, national news, national update, national news, New Delhi top news, New Delhi news : सुप्रीम कोर्ट के एससी आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू करने की इजाजत देने के खिलाफ बुधवार को दलित-आदिवासी संगठनों ने भारत बंद बुलाया। नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन ने इसे दलित और आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ बताया है। बिहार में बंद का सबसे ज्यादा असर रहा है। वहीं  राजस्थान, मप्र और उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन किया गया। बंद के दौरान देश के कई राज्यों में बवाल और चक्कजाम किया गया। इससे लोग परेशान होते दिखे।

भारत बंद को कांग्रेस, टीएमसी, सपा, बसपा, राजद, झामुमो समेत कई दलों ने समर्थन दिया। वहीं, एनडीए में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने भी इस बंद को समर्थन दिया। इससे पहले केन्द्र सरकार ने कहा था कि वह एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर के पक्ष में नहीं है। एससी, एसटी आरक्षण में उच्चतम न्यायालय द्वारा उपवर्गीकरण करने के फैसले के विरोध में अनुसूचित जाति और जनजाति मोर्चा व भीम आर्मी द्वारा बुलाये गये भारत बंद का पूरे देश में मिला-जुला असर देखने को मिला। इस बंद का समर्थन विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी किया, जिससे इसका प्रभाव कई शहरों में स्पष्ट रूप से रहा। आरक्षण में वर्गीकरण को लेकर ओड़़िशा में बुधवार को रेल तथा सडक़ यातायात बाधित हो गया। ओड़़िशा पुलिस ने बताया कि सरकारी कार्यालयों, बैंक, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और शैक्षणिक संस्थानों में सामान्य रूप से कामकाज हुआ।

बिहार में तोडफ़ोड़ व आगजनी

बिहार के हाजीपुर शहर में सुबह से ही बंद का असर देखने को मिला। प्रदर्शनकारियों ने नेशनल हाईवे पर जाम लगा कर और आगजनी कर बड़े पैमाने पर विरोध किया, जिससे सडक़ पर वाहनों की लम्बी कतारें लग गयीं। भीम आर्मी के सक्रिय सदस्यों ने सडक़ पर उतर कर इस बंद को सफल बनाने की कोशिश की। हाजीपुर के सभी मार्ग प्रदर्शनकारियों ने बंद कर दियै। दरभंगा में भीम आर्मी और अन्य दलित संगठनों ने बिहार सम्पर्क क्रांति ट्रेन का चक्का जाम कर केन्द्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। बिहार के जहानाबाद में इसका असर सुबह से ही दिखाई देने लगा। पटना में बंद समर्थकों ने महेंद्रु अंबेडकर हॉस्टल के पास सडक़ को जाम कर दिया और आगजनी की।

झारखंड में व्यापक असर

झारखंड के चाईबासा में भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के समर्थन के साथ अनुसूचित जाति और जनजाति संगठनों ने बाजारों को बंद करा दिया और वाहनों का परिचालन ठप कर दिया। चाईबासा शहर के तांबो चौक पर सडक़ को अवरुद्ध कर दिया गया और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता ने कहा कि आरक्षण में वर्गीकरण की कोशिशों को बर्दाश्त नहीं किया जायैगा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा में भारत बंद का असर अपेक्षाकृत कम देखा गया। चेंबर ऑफ कॉमर्स ने भारत बंद का समर्थन नहीं किया है, जिसमें छोटे व्यापारी और अन्य व्यावसायिक संगठन शामिल हैं। चेंबर ने बताया कि व्यापारिक संगठनों की बिना पूर्व सूचना के समर्थन न देने की परम्परा है, जिसके कारण कवर्धा में भारत बंद का प्रभाव सीमित रहा।

राजस्थान के 16 जिलों में स्कूल बंद

 राजस्थान में प्रदर्शन को देखते हुए भरतपुर संभाग के 04 जिलों (भरतपुर, करौली, सवाई माधोपुर और डीग-कुम्हेर) में नेटबंदी की गयी है। जयपुर सहित 16 जिलों में स्कूल-कॉलेज भी बंद रहे। तीन यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं भी कैंसिल की गयीं। बीकानेर के बज्जू के बाजार में दोपहर 02 बजे भारत बंद के दौरान बाजार बंद नहीं करने पर विवाद हो गया। प्रदर्शनकारी और व्यापारी आमने-सामने हो गये। प्रदर्शनकारियों ने आढ़त की दुकान करनेवाले अशोक को घेर लिया और उसे दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। मामला बढ़ा तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा और मामला शांत कराया। जोधपुर के सोमेसर गांव दुकान बंद कराने के लिए प्रदर्शनकारियों ने गर्म तेल की कढ़ाई उलट दी। इस कारण हलवाई के दोनों पैर जल गये। वहीं, जोधपुर शहर में रैली निकालने के दौरान बंद समर्थक ट्रैफिक पुलिस की पोस्ट पर चढ़ गये। बंद का असर जयपुर में भी रहा। राजधानी में सिटी बसों का संचालन नहीं हुआ। अलवर-भीलवाड़ा में रोडवेज बसें बंद रही। पाली, बाड़मेर, जैसलमेर, टोंक सहित कई शहरों में निकली रैलियों में सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए। सवाई माधोपुर में डीजे बजाते हुए कार्यकर्ता डंडे लहराते हुए रैली में पहुंचे। पाली में समिति की टीमों ने सुबह दुकानें बंद करायीं। बंद के आह्वान पर भाजपा नेता किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ हैं। कुछ लोग एससी-एसटी को गुमराह कर राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। अनुसूचित जाति-जनजाति संयुक्त संघर्ष समिति ने बंद की सफलता के लिए 25 टीमें भी बनायी हैं।

मप्र में मिला-जुला असर

एससी आरक्षण में कोटे के विरोध में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) संगठनों ने मप्र में भी बंद किया। इस दौरान छतरपुर में ज्ञापन सौंपने आयी भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इसमें टीआई समेत 03 घायल हुए हैं। टीआई को सिर और सीने पर पत्थर लगे। हालत गम्भीर है। इससे पहले प्रदर्शनकारी एक दुकान में जबरन घुसने की कोशिश करने लगे। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। उज्जैन में प्रदर्शनकारियों और एक दुकानदार के बीच झूमा-झटकी हो गयी। टावर चौक इलाके में प्रदर्शनकारियों ने दुकान बंद करने की बात कही तो दुकानदार ने इनकार कर दिया। इस पर बंद समर्थक दुकान का काउंटर धकेलने लगे। दुकानदार ने आपत्ति जतायी। दोनों के बीच बहस होने लगी। मौके पर मौजूद लोगों ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया। वहीं, पांढुर्णा और मंडला में बाजार पूरी तरह बंद हैं। सतना-भिंड में बंद समर्थकों ने रैली निकाली। ग्वालियर में प्राइवेट स्कूल बंद रहे। भोपाल, इंदौर और उज्जैन समेत कई जिलों में भी स्कूल-कॉलेज खुले। खंडवा-रतलाम में बंद बेअसर रहा। यहां बाजार पूरी तरह खुले रहे। टीकमगढ़ में भीम आर्मी ने बंद के दौरान रैली निकाली। इस दौरान कांग्रेस की प्रदेश महा सचिव किरण अहिरवार शामिल हुईं। आरक्षण के समर्थन में नारे भी लगाये।

मुरैना में बहुजन समाज पार्टी ने रैली निकाल कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध किया। बसपा नेताओं का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के जरिये मोदी सरकार ने संविधान को खत्म करने की कोशिश की है। हम इसे कामयाब नहीं होने देंगे। कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर अंकित अस्थाना को अपनी मांगों का ज्ञापन भी सौंपा।

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