Mumbai News : भगवान ने भले ही उन्हें अन्य महिला- पुरुषों से अलग बनाया है। वे न तो पूरी तरह पुरुष हैं और न ही महिला, लेकिन संविधान में उन्हें भी समानता का अधिकार दिया है तो फिर वे भी मुख्यधारा से अलग-अलग क्यों रहे। हम बात कर रहे हैं किन्नर समाज की। अब यह समाज ट्रेनों में सिर्फ तालियां ही नहीं बजाएगा किन्नर और न ही लेगा लोगों की बलइयां लेगा, बल्कि समाज का भी अपना स्टार्ट होगा। समाज के सदस्य हैं आत्म निर्भर बनेंगे। देश की औद्योगिक नगरी मुंबई में इसकी शुरुआत हो चुकी है। आखिर किसने की यह पहल, किसका मिला सहयोग आइए जानें…
जैनब की पहल, मुंबई में खुला पहला ट्रांसजेंडर सैलून
यह पहल किन्नर समाज के ही जैनब की है। उन्होंने समाज के ही सात किन्नरों के सहयोग से स्टार्टअप की शुरुआत की हैं। उन्होंने मुंबई में ट्रांसजेंडर सैलून की शुरुआत की है।जैनब के अनुसार ऐसा करना समाज को सशक्त बनाने के लिए जरूरी था। उनका मानना है कि यह समाज भी सम्मान के साथ अपना जीवन-यापन कर सकें, इसी सोच के साथ उन्होंने इसकी स्थापना की। अच्छी बात यह कि लोग उन्हें सपोर्ट भी कर रहे हैं।
ड्यूश बैंक और रोटरी क्लब ऑफ मुंबई आया आगे
मुंबई में पहले ट्रांसजेंडर सैलून खोलने की बात करें तो इसमें ड्यूश बैंक और रोटरी क्लब ऑफ मुंबई का बड़ा सहयोग रहा। जैनब के अनुसार स्थान से लेकर आर्थिक सहायता तक में इन्होंने योगदान दिया। उन्हें उम्मीद है कि यह देखकर किन्नर समाज के अन्य लोग भी स्टार्टअप की ओर अपना कदम बढ़ाएंगे। इससे उन्हें आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा मिलेगी।