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प्रतिमा गिरने की घटना: पीएम ने कहा,शिवाजी के चरणों में सिर झुका कर माफी मांगता हूं

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Palghar/ Mumbai : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज और महाराष्ट्र के तटीय सिंधुदुर्ग जिले में शिवाजी की प्रतिमा गिरने की घटना से आहत लोगों से माफी मांगी। इसके पूर्व सीएम शिंदे और अजीत पवार ने भी शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के बाद माफी मांग चुके हैं। प्रधानमंत्री महाराष्ट्र के पालघर में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

इस मौके पर प्रधानमंत्री ने सिंधुदुर्ग में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना का जिक्र करते हुए कहा, ‘शिवाजी महाराज केवल एक नाम, एक पूजनीय राजा या एक महान व्यक्तित्व नहीं हैं, बल्कि वे हमारे आराध्य देव हैं। मैं सिर झुका कर छत्रपति शिवाजी महाराज के चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं।’ वीर सावरकर का अपमान करनेवालों पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, ‘हमारे संस्कार अलग हैं, हम वे लोग नहीं हैं, जो आये दिन भारत मां के महान सपूत, इसी धरती के लाल वीर सावरकर को अनाप-शनाप गालियां देते रहते हैं, अपमानित करते रहते हैं, देशभक्तों की भावनाओं को कुचलते हैं। वे लोग वीर सावरकर को गालियां देने के बाद भी माफी मांगने को तैयार नहीं हैं। उनको पश्चाताप नहीं होता है। महाराष्ट्र की जनता उनके संस्कार को अब जान गयी है।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘महाराष्ट्र के लोगों को उन लोगों से सावधान रहना चाहिए, जो वीर सावरकर का अपमान करते हैं और इसके लिए कोई पछतावा नहीं करते हैं।’

पालघर में किया कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास

प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के पालघर में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में लगभग 76,000 करोड़ रुपये की लागत से वधावन बंदरगाह की आधारशिला रखना और लगभग 1,560 करोड़ रुपये की लागत वाली 218 मत्स्य पालन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास शामिल है। मोदी ने लगभग 360 करोड़ रुपये की लागत से पोत संचार और सहायता प्रणाली के राष्ट्रीय रोलआउट का शुभारम्भ किया। प्रधानमंत्री ने मछली पकड़ने के बंदरगाहों, मछली लैंडिंग केंद्रों और मछली बाजारों के निर्माण के विकास, उन्नयन और आधुनिकीकरण सहित महत्वपूर्ण मत्स्य अवसंरचना परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। उन्होंने मछुआरों के लाभार्थियों को ट्रांसपोंडर सेट और किसान क्रेडिट कार्ड सौंपे।

विकसित महाराष्ट्र विकसित भारत के संकल्प का सबसे महत्वपूर्ण तत्त्व

राज्य और देश की विकास यात्रा में इस दिन को ऐतिहासिक बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में महाराष्ट्र के विकास के लिए बड़े कदम उठाए हैं, क्योंकि विकसित महाराष्ट्र विकसित भारत के संकल्प का सबसे महत्वपूर्ण तत्त्व है।

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