राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ नेता कल्लाडका प्रभाकर भट ने संघ और मोदी जी के न्यू इंडिया को नए अंदाज में रखा है।भट ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे धर्मनिरपेक्ष देश है और यह शांति और सद्भाव की भूमि है। शैक्षणिक संस्थानों द्वारा निर्धारित ड्रेस पहनने से इनकार करने वाले छात्रों की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि अगर वे यहां के नियमों का पालन नहीं कर सकते हैं तो उन्हें देश छोड़ देना चाहिए।
अपनी डफली, अपना राग
भट 30 मार्च को मंगलगंगोत्री परिसर में मैंगलोर विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर छात्र परिषद का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत ने सभी को धार्मिक स्वतंत्रता की पेशकश की है और इसने सभी धर्मों के लोगों को स्वीकार किया है। भारत का एक समृद्ध इतिहास है और मुगल राजा उस इतिहास का हिस्सा नहीं थे। वास्तव में यह भारत के इतिहास के नए पांडित्य का बड़बोलापन है। यह एक अलग किस्म की डफली पर अपने तरीके का राग है। यह सोचना होगा इतिहास बदलने से नहीं बदलता। नया इतिहास बनाना होता है।
CFI और SFI ने किया विरोध
इस बीच अभी जानकारी मिली कि कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के सदस्यों ने परिषद के उद्घाटन के लिए भट को परिसर में आमंत्रित करने के लिए विश्वविद्यालय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। दोनों संगठनों के नेताओं ने कहा कि भट को भड़काऊ भाषण देने के लिए जाना जाता है। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. यदापदित्य ने कहा कि यह पीजी छात्र परिषद थी, जिसने भट को आमंत्रित करने का फैसला किया था। विश्वविद्यालय छात्रों के फैसले का विरोध नहीं कर सकता था।