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Success Speaks : 2300 करोड़ की कंपनी का यह मालिक कभी बस में बेचा करता था पेन, एक आइडिया ने…

Success Speaks : 2300 करोड़ की कंपनी का यह मालिक कभी बस में बेचा करता था पेन, एक आइडिया ने…

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For Grand Success, You Make Yourself To Deserve, Diligence Make You Millionaire :  जन्म से कोई इंसान छोटा या बड़ा नहीं होता। कर्म के कंटीले मार्ग पर आगे बढ़कर ऐसी कामयाबी हाथ लगती है, जो लोगों को अचंभित कर देती है। नाकामयाबी निराशा जरूर देती है, पर कामयाब होने के लिए आइडिया भी पैदा करती है। कल कौन सा आइडिया आपके दिमाग में क्लिक करे, उसके सही इंप्लीमेंटेशन से आप फर्श से अर्श की ओर अग्रसर होने लगें, यह कोई नहीं जानता। कामयाबी धीरे-धीरे खामोशी से आगे बढ़ते हुए अपने आप शोर मचाने लगती है, जिसकी आवाज हर कान तक पहुंचती है। ऐसा ही कुछ करके दिखाया है हमारे आज के इनवर्टर मैन ऑफ इंडिया कुंवर सचदेव ने। वह कभी बस में और घर-घर जाकर पेन बेचा करते थे, लेकिन आज 2300 सौ करोड़ की कंपनी के मालिक हैं।  Su-Kam कंपनी के फाउंडर कुंवर सचदेव। उनकी कंपनी के सोलर प्रोडक्ट्स की डिमांड  भारत में ही नहीं, दुनिया के अन्य देशों में भी है। 

माता पिता को प्राइवेट स्कूल की शीश देना था मुश्किल

एक मध्यमवर्गीय पंजाबी परिवार में जन्मे कुंवर सचदेव के पिता रेलवे में क्लर्क थे। उनकी मां गृहणी थीं। उनकी प्राइमरी तक की पढ़ाई प्राइवेट स्कूल में थी। लेकिन, पैसों की तंगी के कारण आगे की पढ़ाई सरकारी स्कूल में पूरी हुई। बचपन से डॉक्टर बनने का सपना देखने वाले सचदेव ने कक्षा 12वीं में मेडिकल एंट्रेंस पास कर लिया, लेकिन कक्षा 12वीं में 50 प्रतिशत भी अंक नहीं आ पाए। अगले साल उन्होंने फिर कक्षा 12वीं की परीक्षा दी, लेकिन इस बार उनका मेडिकल एंट्रेंस नहीं निकल पाया। डॉक्टर बनने का सपना छोड़ उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन पूरी की। पढ़ाई के दौरान घर-घर और बसों में जाकर पेन बेचा करते थे, ताकि पढ़ाई का खर्चा निकल सके।

नौकरी के दौरान आया आइडिया

पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने केबल कम्युनिकेशन कंपनी में मार्केटिंग विभाग में नौकरी की शुरुआत की। यही उन्हें यह आभास हुआ कि भारत में केबल का व्यापार बहुत मुनाफे वाला हो सकता है। इसके बाद नौकरी छोड़ कुंवर सचदेव ने Su-Kam Communication Systems नाम से अपना केबल बिजनेस शुरू कर दिया। उनका केवल टीवी केबल का काम अच्छे से चलने लगा। इसी के साथ उन्होंने अन्य उपकरण भी बनाने शुरू कर दिए।

इस तरह आया इनवर्टर बनाने का आइडिया

अपने एक इंटरव्यू में कुंवर सचदेव ने बताया था कि एक समय उनके घर का इनवर्टर बार-बार खराब हो जाता था। कई बार मैकेनिक को बुलाया, लेकिन फिर कुछ दिनों बाद उसकी हालत वैसी ही हो जाती थी। इसके बाद उन्होंने ही इनवर्टर खोला और उसे चेक करने लगे।क्षउन्होंने अपने बिजनेस के आर एंड डी टीम को भी बुलाया और उनसे भी इनवर्टर चेक कराया। तब उन्हें पता चला कि खराब क्वालिटी के कच्चे माल के इस्तेमाल के कारण ऐसी समस्याएं आती हैं। इसके बाद उन्होंने खुद ही इनवर्टर बनाने का सोचा।

1988 में शुरू किया इनवर्टर बनाना

साल 1998 में कुंवर सचदेव ने Su-Kam Power Systems के नाम से कंपनी बनाकर इनवर्टर बनाने शुरू किए। पहले इनवर्टर लोहे के ही बनते थे। लेकिन, एक बार जब इनवर्टर से सचदेव के बेटे को करंट लगा तो उन्होंने प्लास्टिक के इनवर्टर बनाने शुरू किए। शुरुआत में लोगों ने इसे स्वीकार नहीं किया, लेकिन धीरे-धीरे उनका यह व्यवसाय भी दिनदोगुनी, रात चौगुनी बढ़ने लगा। अब कुंवर सचदेव की कंपनी कई सोलर प्रोडक्ट बनाती है।

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