Amazing news : अंधविश्वास के फेरे में पहुंचकर एक महिला ने दो माह के मासूम बच्चे का अपरहण कर लिया। वह अपने मृत पिता को जिंदा करने के लिए बच्चे की बलि देना चाहती थी। गनीमत रही कि पुलिस ने 24 घंटे के भीतर बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया। गिरफ्तार की गई महिला की पहचान कोटला मुबारकपुर की श्वेता के रूप में हुई है। वह अपनी मां के साथ रह रही थी। इसी साल के पिछले महीने अक्टूबर में उसके पिता की मृत्यु हो गई थी।
गुरुवार की शाम मिली थी अपहरण की सूचना
इस मामले में दक्षिण-पूर्वी जिले की पुलिस उपायुक्त ईशा पांडेय ने बताया कि गुरुवार शाम करीब चार बजे अमर कालोनी के गढ़ी इलाके से दो माह के बच्चे के अपहरण की खबर मिली। बच्चे की मां ने बताया कि श्वेता नाम की महिला उससे सफदरजंग अस्पताल में मिली और खुद को जच्चा-बच्चा देखभाल के लिए काम करने वाले एनजीओ का सदस्य बताया। उसने मां-बच्चे को मुफ्त दवा, चिकित्सकीय सलाह व जांच इत्यादि दिलाने के बहाने उनसे जान पहचान कर ली। उनके घर आना-जाना शुरू कर दिया। नौ नवंबर को श्वेता उनके घर गढ़ी के ममराज मोहल्ला में शिशु की जांच के नाम पर पहुंची। 10 नवंबर गुरुवार को फिर पहुंची। इस बार जांच के लिए बच्चे को साथ ले जाने लगी तो महिला ने अपनी भतीजी को भी साथ भेज दिया। श्वेता दोनों को मारुति स्विफ्ट कार में लेकर फरार हो गई। रास्ते में उसने भतीजी को कोल्ड ड्रिंक में कुछ पिलाकर बेहोश कर गाजियाबाद में रास्ते पर फेंक दिया। होश में आने के बाद उसने स्वजन को अपहरण की सूचना दी।
सीसीटीवी फुटेज से मिला महिला का सुराग
सीसीटीवी फुटेज के जरिये पुलिस को वाहन का पंजीकरण नंबर दिखाई दिया। शाम करीब चार बजे पुलिस को श्वेता के कोटला मुबारकपुर स्थित आर्य समाज मंदिर के पास आने की सूचना मिली जहां छापा मारकर पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया और बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया। श्वेता ने पुलिस को बताया कि अक्टूबर, 2022 में उसके पिता की मृत्यु हो गई थी। अंतिम संस्कार के दौरान किसी ने गुमराह किया कि एक शिशु की बलि से उसके पिता को फिर से जिंदा किया जा सकता है। इसलिए वह बच्चे की तलाश में