Supreme Court (सुप्रीम कोर्ट) ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को 2017 के एक अवमानना मामले में 4 महीने जेल की सजा सुनाई है। माल्या को अदालत से सूचना छिपाने का दोषी करार दिया गया था। उस पर 2,000 रुपये जुर्माना भी लगाया गया है।
9 मई 2017 को अवमानना का पाया गया था दोषी
गौरतलब है कि 9 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को अवमानना का दोषी पाया था। माल्या ने संपत्ति का सही ब्योरा नहीं दिया था। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस यू यू ललित, जस्टिस एस रविंद्र भट्ट और जस्टिस सुधांशु धूलिया वाली 3 जजों की बेंच ने ये फैसला सुनाया। दरअसल, भारतीय स्टेट बैंक ने विजय माल्या के खिलाफ कोर्ट के आदेश के बावजूद बकाया न चुकाने की अर्जी दी थी।
4 सप्ताह में चुकाने हैं 317 करोड़
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि विजय माल्या को विदेश में ट्रांसफर किए गए 40 मिलियन डॉलर (करीब 317 करोड़ रुपए) को 4 हफ्ते में चुकाना है। चार सप्ताह में यदि विजय माल्या सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करते हैं तो उनकी सारी संपत्तियों को कुर्क किया जाएगा। माल्या पर किंगफिशर एयरलाइन से जुड़े 9,000 करोड़ रुपये के बैंक लोन घोटाले में शामिल होने का आरोप है।
कोर्ट ने माल्या को अपना पक्ष रखने का दिया था अंतिम मौका
सुप्रीम कोर्ट ने 10 फरवरी को सुनवाई टालते हुए माल्या को पक्ष रखने का अंतिम मौका दिया था। कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा था कि अगर अगली सुनवाई में दोषी पेश नहीं होता या अपने वकील के जरिए पक्ष नहीं रखता तो सजा को लेकर कार्रवाई नहीं रोकी जाएगी। दरअसल, उसे डिएगो डील के 40 मिलियन डॉलर अपने बच्चों के विदेशी एकाउंट में ट्रांसफर करने और सम्पत्ति का सही ब्यौरा न देने के लिए अवमानना का दोषी करार दिया गया था।
इस कारण से माल्या को अब तक नहीं लाया जा सका भारत
माल्या कुछ कानूनी दांवपेंच अपना कर यूनाइटेड किंगडम में है। उसने वहां कोई गुप्त कानूनी प्रक्रिया शुरू कर ली है। जानकारी के मुताबिक, यूके की सरकार ने न तो इस प्रक्रिया में भारत सरकार को पक्ष बनाया है न उसकी जानकारी साझा की है। इस कारण माल्या को अब तक भारत नहीं लाया जा सका है।