Supreme Court has continuously strengthened India’s vibrant democracy: Narendra Modi, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट के हीरक जयंती समारोह का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत की प्राथमिकता न्याय में आसानी और हर नागरिक पर इसका हक है। सुप्रीम कोर्ट इस लक्ष्य की प्राप्ति का मुख्य माध्यम है। सुप्रीम कोर्ट ने भारत के जीवंत लोकतंत्र को लगातार मजबूत किया है। दूसरी ओर, आज बन रहे कानून कल के भारत को मजबूत करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के 75 वर्ष पूरे होने पर आयोजित इस समारोह में प्रधानमंत्री के साथ मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल सहित सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीश मौजूद रहे। मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने समारोह में बीआर अम्बेदकर की प्रतिमा देकर प्रधानमंत्री का स्वागत किया।
800 करोड़ से सुप्रीम कोर्ट परिसर का विस्तार होगा
प्रधानमंत्री ने कहा कि ढांचागत सुविधाओं को विस्तार दिये जाने के सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले सप्ताह ही केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट परिसर के विस्तार के लिए 800 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि बस संसद की तरह कोई इसे फिजूलखर्ची बता कर याचिका न दायर कर दे। प्रधानमंत्री ने मजबूत न्याय व्यवस्था को विकसित भारत का मुख्य आधार बताते हुए कहा कि पुराने औपनिवेशिक काल के कानूनों को निरस्त कर तीन नये आपराधिक कानून लाये गये हैं। इससे हमारी कानूनी नीति और अन्वेषण तंत्र एक नये चरण में प्रवेश कर गया है। उन्होंने इस सम्बन्ध में सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि वह क्षमता निर्माण प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए आगे आये।
आज बने कानून भारत का भविष्य उज्ज्वल करेंगे
उन्होंने कहा, “आज बने कानून भारत का भविष्य उज्ज्वल करेंगे। वैश्विक स्तर पर हो रहे बदलावों के साथ दुनिया की निगाहें भारत पर टिकी हैं, क्योंकि दुनिया का विश्वास भारत पर मजबूत हो रहा है। ऐसे समय में, भारत के लिए यह महत्त्वपूर्ण है कि वह हमें मिले हर अवसर का लाभ उठाये।”
प्रधानमंत्री ने इस बात का विशेष उल्लेख किया कि इस बार एशिया में सुप्रीम कोर्ट की पहली मुस्लिम महिला न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) न्यायमूर्ति फातिमा बीबी को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह हम सबके लिए गर्व का विषय है। तकनीक से न्याय पाने की प्रक्रिया को सरल करने की भूमिका का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एआई समाधान से बहुत से प्रक्रियाएं सरल हो रही हैं। उन्होंने इस दौरान सुप्रीम कोर्ट की डिजिटल पहलों और फैसलों को सरल तथा स्थानीय भाषा में उपलब्ध कराये जाने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यहां उपस्थित बहुत से साथी उनके हिन्दी भाषा में दिये गये भाषण को भाषिणी के माध्यम से अंग्रेजी में सुन पा रहे हैं।
न्यायपालिका को अन्याय, अत्याचार और मनमानी के खिलाफ एक सुरक्षा कवच के रूप में काम करना चाहिए
इस अवसर पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस विश्वास की पुष्टि करता है कि न्यायपालिका को अन्याय, अत्याचार और मनमानी के खिलाफ एक सुरक्षा कवच के रूप में काम करना चाहिए। शीर्ष अदालत समाधान और न्याय की संस्था है। चंद्रचुड़ ने कहा कि हाइब्रिड (प्रत्यक्ष और वर्चुअल) सुनवाई अदालतों से सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंच का लोकतंत्रीकरण हो गया है। इसने उन लोगों के लिए रास्ता खोल दिया है, जो शारीरिक दूरी के कारण सुप्रीम कोर्ट तक जाने में असमर्थ थे। इससे देश या दुनिया के किसी भी हिस्से में बैठा कोई भी भारतीय वकील वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इस कोर्ट के सामने बहस कर सकता है।
इस दौरान मुख्य न्यायाधीश ने ई-फाइलिंग में होती लगातार वृद्धि का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अब तक लगभग 01 लाख 28 हजार ई-फाइलिंग की जा चुकी है। ई-फाइलिंग 25 राज्यों में उपलब्ध है। उन्होंने 29 लाख से अधिक केस दाखिल किये हैं।