Supreme Court (उच्चतम न्यायालय) ने 30 मार्च को आम्रपाली समूह के पूर्व फिनेंशियल ऑफिसर यानी मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) चंद्र प्रकाश वाधवा को बेल देने से इनकार कर दिया। वाधवा ने चिकित्सकीय आधार पर जमानत देने का अनुरोध किया था। अदालत ने ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया कि अगर वाधवा के खिलाफ कोई आरोप हों तो उन्हें तय किया जाए।
शीर्ष अदालत ने पहले मेडिकल बोर्ड के गठन का दिया था निर्देश
न्यायाधीश यूयू ललित, एस रविंद्र भट और पीएस नरसिंहा की पीठ ने पूर्व में वाधवा की जांच के लिए एक मेडिकल बोर्ड के गठन का निर्देश दिया था। पीठ ने कहा कि विचाराधीन रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर रखा गया है। रिपोर्ट के अनुसार इस बोर्ड के सदस्यों में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और न्यूरोलॉजी, हड्डी रोग सर्जरी, कार्डियोलॉजी और दवाओं के विभाग के प्रमुख शामिल थे। याचिकाकर्ता की जांच करने के बाद बोर्ड ने एक रिपोर्ट तैयार की थी। यह रिपोर्ट बताती है कि वाधवा की चिकित्सकीय स्थिति ठीक है।
पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट में जमानत देने से कर दिया था इनकार
पीठ ने कहा कि रिकॉर्ड बताते हैं कि वाधवा पहले ही एक साल और चार महीने की वास्तविक हिरासत पूरी कर चुके हैं। पिछले साल दिसंबर में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाधवा को जमानत देने से मना कर दिया था, जिसे उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। उन्हें दिसंबर 2020 में मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था।