Supreme relief to Modi government on CAA, Supreme Court refuses to ban notifications, Breaking news, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 (सीएए) मामले पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई के दौरान केन्द्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले में जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है। इस पर याचिकाकर्ताओं की तरफ से वकील इंदिरा जयसिंह ने दलील दी कि कानून पर रोक लगा कर मामले को बड़ी बेंच के सामने भेजा जाये। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद केन्द्र की मोदी सरकार को राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सीएए नोटिफिकेशन पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह 09 अप्रैल को मामले की सुनवाई करेगा। तब तक 03 हफ्ते के भीतर केन्द्र सरकार को जवाब देना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 236 याचिकाओं में से कितने मामले में हमने नोटिस जारी की है? हम बाकी याचिकाओं पर भी नोटिस जारी कर तारीख दे देते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केन्द्र सरकार ने नोटिफिकेशन पर रोक की मांग वाली याचिका पर जवाब देने के लिए समय मांगा है, इसके बाद केन्द्र को समय देना चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा कि उस स्थिति में नोटिफिकेशन के लागू होने पर रोक लगायी जानी चाहिए।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि केन्द्र सरकार कब तक जवाब दाखिल करेगी। इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि चार हफ्ते में जवाब दाखिल किया जायेगा। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि नोटिफिकेशन 04 साल 03 महीने बाद जारी हुआ है। अगर नागरिकता देना शुरू हुआ, तब उसे वापस लेना सम्भव नहीं होगा। इसके बाद नोटिफिकेशन पर रोक लगायी जाये।
सिब्बल ने कहा कि कुछ लोगों को नागरिकता दे दी गयी है। अगर रोक नहीं लगायी गयी, तब इन याचिकाओं का कोई मतलब नहीं रह जायेगा। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चाहे किसी को नागरिकता मिले या ना मिले, याचिकाकर्ताओं को इससे कोई फर्क नहीं पड़नेवाला है। इस पर वकील इंदिरा जय सिंह ने कहा कि यह मामला संवैधानिक जांच का है। सुनवाई में बलूचिस्तान से एक व्यक्ति की तरफ से रंजित कुमार ने कहा कि अगर हमें नागरिकता मिलती है, तब किसी को क्या दिक्कत है? इस पर इंदिरा जय सिंह ने कहा वोटिंग का अधिकार से दिक्कत है। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि एनआरसी कोर्ट के समक्ष मामला नहीं है, केवल सीएए है। सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र से 08 अप्रैल तक जवाब मांगा है और 09 अप्रैल को अगली सुनवाई होगी।