West Bengal news : पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में परत दर परत रोज अलग-अलग सच्चाई सामने आ रही है। इस मामले में गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी की महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी ने अपनी फर्जी कंपनी का मालिक अपने घर के चपरासी को ही बना दिया था। इस कंपनी का वास्तव में कोई अस्तित्व नहीं था। यह पैसे का वारा न्यारा करने के लिए बनाई गई सिर्फ कागजी कंपनी थी। इस कंपनी का मालिकाना हक अर्पिता ने अपने नौकर को दे रखा था।
चपरासी को नहीं मालूम था कि वह कंपनी का मालिक है
इसमें सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि अर्पिता मैं जिस चपरासी को कंपनी का मालिक बनाया था, उसे इस बारे में कुछ भी पता नहीं है। यह चौकाने वाली जानकारी ईडी सूत्रों से मिली है। बरामद किए गए कागजातों से पता चला है कि बेलघरिया के क्लब टाउन स्थित फ्लैट पर अर्पिता मुखर्जी की एक फर्जी कंपनी चलती थी। यहां फ्लैट की देखरेख करने वाला जो चपरासी था, उसी को उस कंपनी का मालिक बनाया गया था। इस कागजी कंपनी का नाम था जमीरा सनसाइंस प्राइवेट लिमिटेड है। इस रियल स्टेट कंपनी का पंजीकरण जिस व्यक्ति के नाम पर कराया गया है मुझे भी यह नहीं मालूम है कि वह इस कंपनी में शामिल है। किसी देवाशीष देवनाथ के नाम पर इस कागजी कंपनी का पंजीकरण कराया गया है। इसके अलावा इच्छा इंटरटेनमेंट का जो पता अर्पिता ने दिया था वह भी फर्जी निकला है। अब अर्पिता और पार्थ से इस बारे में ईडी पूछताछ कर रही है।