बिना परीक्षा दिए शिक्षक के तौर पर नौकरी हासिल करने वाली राज्य की शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी की बेटी अंकिता अधिकारी को नौकरी से हटाने का निर्देश दे चुके कलकत्ता हाई कोर्ट ने अब उनकी जगह याचिकाकर्ता बबीता सरकार को तीन दिनों के भीतर नियुक्ति का आदेश दिया है। शुक्रवार को न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली की एकल पीठ ने उक्त निर्देश देते हुए कहा कि जिस स्कूल में अंकिता नौकरी करती थी उसी स्कूल में बबीता को नौकरी पर रखा जाए। इतना ही नहीं कोर्ट ने यह भी कहा है कि अंकिता अधिकारी ने राज्य की ओर से शिक्षक के तौर पर पिछले चार सालों में जो वेतन हासिल किया है और उसे कोर्ट में जमा कर रही है वह बबीता सरकार को दिया जाएगा। कोर्ट ने कहा है कि अगले दसदिनों के अंदर स्कूल में नियुक्ति संबंधी दस्तावेज भी कोर्ट में जमा कराने होंगे। कोर्ट ने यह भी कहा है कि दस दिनों के अंदर उन्हें वेतन भी दे देना होगा।
अंकिता का नाम बबीता से आगे कर दिया गया था
सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने कहा कि बबीता के प्राप्तांक और नियमों के मुताबिक उन्हें तुरंत नौकरी मिल जानी चाहिए थी। आखिर स्कूल सेवा आयोग ने कहा था कि उन्हें नौकरी देने की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन अब तक नहीं दी गई ऐसा क्यों? उन्होंने कहा कि तीन दिनों के अंदर नौकरी दीजिए। बता दें कि बिना परीक्षा दिए मेरिट लिस्ट में अधिकारी का नाम बबीता सरकार से आगे कर दिया गया था। पहली वेटिंग में बबीता पहले नंबर पर थीं लेकिन दूसरी बार जो मेरिट लिस्ट जारी हुई उसमें बबीता का नाम वेटिंग लिस्ट में दूसरे नंबर पर चला गया था और बीच में अंकिता का नाम आ गया था। इसकी वजह से नौकरी अंकिता को मिली थी और बबीता वंचित हो गई थी। उन्होंने कोर्ट में याचिका लगाई थी जिस पर सुनवाई के बाद अंकिता अधिकारी को नौकरी से बर्खास्त किया गया है और अब बबीता को जल्द से जल्द नौकरी देने को कह दिया गया है।