बिहार में शिक्षक बहाली में फर्जीवाड़े की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। अब बक्सर में एक ही प्रमाणपत्र पर दो शिक्षिकाओं के नौकरी करने का मामला प्रकाश में आने के बाद महकमे में हड़कंप मच गया है। राज्य में शिकायतों और जांच का सिलसिला बढ़ने के साथ ही अलग-अलग जिलों में 10-10 वर्षों से फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल शिक्षकों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। अब बक्सर जिले में एक ही नाम से टीईटी उत्तीर्ण दो शिक्षिकाएं दो स्कूलों में कार्यरत मिली हैं। निगरानी ब्यूरो की जांच में पहले मध्य विद्यालय रामोबरिया में पदस्थापित प्रखंड शिक्षिका निशा दुबे, पिता धनेश दुबे का टीईटी सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया। उनके विरुद्ध औद्योगिक थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी गई।
दोनों शिक्षिकाओं के साथ दोनों बीईओ तलब
उस वक्त निगरानी विभाग को यह नहीं पता था कि निशा दुबे नाम की एक और शिक्षिका दूसरे विद्यालय में कार्यरत हैं। दूसरी प्रखंड शिक्षिका निशा दुबे मध्य विद्यालय सहियार, सिमरी में कार्यरत हैैं। इनके पिता का नाम भी पिता धनेश दुबे हैै। एक ही नाम और एक ही पिता के नाम से दो शिक्षिकाओं के दो विद्यालयों में पदस्थापित रहने पर निगरानी विभाग भी असमंजस में पड़ गया है। ऐसे में निगरानी विभाग ने नियोजन से संबंधित मूल अभिलेखों के साथ प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सिमरी और बक्सर को दोनों नियोजित प्रखंड शिक्षिकाओं के साथ तलब किया है।
एक ही पिता व नाम से कार्यरत मिलीं दोनों
बताते चलें कि रामोबरिया की शिक्षिका निशा दुबे पर निगरानी ने प्राथमिकी दर्ज कराई तो उन्होंने प्राथमिकी की कापी निकलवाई। उसमें टीईटी के सर्टिफिकेट पर सिमरी के बीईओ की मोहर मिली। शिक्षिका ने बक्सर बीईओ को इस बारे में बताया। बीईओ ने इसकी जानकारी निगरानी को दी तो उस शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई के लिए निर्गत पत्र को स्थगित करने की आवश्यकता जताई और उसे तत्काल स्थगित करने का आग्रह डीपीओ स्थापना से किया। साथ ही यह पता किया कि सिमरी में निशा दुबे के नाम से शिक्षिका कहां कार्यरत हैं।