National news, New Delhi news : केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि देश में आतंकी हमले, उग्रवाद और नक्सली हमलों में 65 फीसदी कमी आयी है। हिंसा फैलानेवाले ऐसे राष्ट्रद्रोहियों पर तगड़ी चोट की गयी है। इसमें देश की पुलिस की अहम भूमिका रही है। उन्होंने यह बात शनिवार को दिल्ली में ”पुलिस स्मृति दिवस” के अवसर पर ”राष्ट्रीय पुलिस स्मारक” में आयोजित एक कार्यक्रम में कही।
उन्होंने कहा कि देश के कोने-कोने और सीमा पर आजादी के बाद से अब तक जिन जवानों ने अपना बलिदान दिया है, उन्हें नमन। वह कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से उन सभी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। शाह ने सभी शहीदों के परिवारजनों से कहा कि आज देश-दुनिया में अग्रसर हो रहा है। इसकी नींव में आपके परिवारजनों का सर्वोच्च बलिदान है। राष्ट्र कभी इसे भुला नहीं सकता ।
पुलिस जवान की ड्यूटी सबसे कठिन
शाह ने कहा कि देश की सीमा की सुरक्षा हो या आंतरिक सुरक्षा, सजग पुलिस तंत्र के बिना यह सम्भव नहीं है। सरकार के सभी कर्मियों में सबसे कठिन अगर किसी की ड्यूटी है, तो वह पुलिस के जवान की है। चाहे गर्मी हो, सर्दी हो या कोई त्योहार हो; वह सुचारु रूप से देश चले, इसके लिए ड्यूटी पर तैनात रहता है। गृहमंत्री शाह ने कहा कि चाहे आतंकवादियों से टक्कर लेनी हो, अपराध की रोकथाम करनी हो, विशाल भीड़ के सामने कानून-व्यवस्था को बनाये रखना हो या आपदाओं में ढाल बन आम नागरिक की सुरक्षा करनी हो, हमारे देश के पुलिस जवानों ने सभी मौकों पर खुद को साबित किया है। इनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। इस कार्यक्रम में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के अलावा अन्य आला पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे।
21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस क्यों मनाया जाता है
उल्लेखनीय कि 21 अक्टूबर, 1959 को लद्दाख के हॉट स्प्रिंग क्षेत्र में सशस्त्र चीनी टुकड़ी द्वारा घात लगा कर किये गये हमले में पुलिस के 10 वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। इन बलिदानियों एवं ड्यूटी के दौरान बलिदान हुए अन्य सभी पुलिसकर्मियों की याद में 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है। इस बलिदान व राष्ट्रीय सुरक्षा और एकता के लिए पुलिस की उत्कृष्ट भूमिका का सम्मान करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुलिस स्मृति दिवस, 2018 के अवसर पर चाणक्यपुरी, नयी दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक देश को समर्पित किया था।