Jaipur latest Hindi news : समय के साथ-साथ चिकित्सा विज्ञान की उपलब्धियां देखकर सब हैरतअंगेज है। चिकित्सा संस्थानों में हो रहे शोध नित्य सफलता के नए आयाम गढ़ रहे हैं। इसी कड़ी में राजस्थान की राजधानी जयपुर स्थित भगवान महावीर कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान के चिकित्सकों ने कुछ ऐसा कर दिखाया कि उनका लोहा मानने को हर आम और खास लोग विवश है। दरअसल, यहां के चिकित्सकों की टीम ने 70 वर्ष के एक बुजुर्ग के कैंसर ग्रस्त लिंग को हटाकर उसके शरीर की त्वचा, रक्त वाहिनी और नसों के जरिए लिंग का हाथ पर न सिर्फ पुनर्निर्माण कर डाला, बल्कि बाद में उसे सही जगह पर ट्रांसप्लांट भी कर दिया। और तो औऱ मरीज फिलहाल बिल्कुल स्वस्थ है और उसका प्राइवेट पार्ट भी सही ढंग से काम कर रहा है।
पांच चिकित्सकों समेत 11 लोगों की टीम और आठ घंटे
डॉक्टर प्रशांत शर्मा के अनुसार बूंदी निवासी बुजुर्ग मरीज ने पहले कैंसर ग्रस्त लिंग हटाकर उसके शरीर के अंगों से लिंग प्रत्यारोपित करने की बात सुनकर इलाज करवाने से साफ मना कर दिया। इस बीच उसकी परेशानी देखकर लिंग को ही हटा दिया गया, क्योंकि मरीज की जान बचाने के लिए यह जरूरी था। लेकिन, इसका साइड इफेक्ट भी तय था, मरीज और परिजनों को यह बात बता दी गई थी। इसके बाद उसे पेशाब करने में परेशानी होने लगी। साथ ही दिनचर्या में भी कई बदलाव आ गए, इससे उसकी मानसिक स्थिति पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगा। बाद में चिकित्सकों के बहुत समझाने पर वे राजी हुए। इसके बाद पांच चिकित्सकों समेत 11 लोगों की टीम ने आठ घंटे तक सर्जरी कर यह उपलब्धि हासिल की।
लगभग चार प्रतिशत पुरुषों को यह समस्या
चिकित्सकों के अनुसार कैंसर पीड़ित मरीजों में से करीब 4% पुरुष जननांग के कैंसर से ग्रस्त होते हैं। इनमें से करीब 50% मरीजों में उपचार स्वरूप और उनकी जीवन रक्षा के निमित्त लिंग हटाना पड़ता है। डॉक्टरों ने यह भी बताया कि लिंग प्रत्यारोपित होने के दो सप्ताह बाद मरीज को पूर्व की तरह सामान्य कामकाज करने की अनुमति दी जाती है। लिंग का पुनर्निर्माण का मकसद सही आकार, मूत्रमार्ग बनाना और उसे संवेदनशील बनाना होता है। यह सारी प्रक्रिया माइक्रोसर्जिकल तकनीक के इस्तेमाल से पूरी होती है।