New Delhi news : असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा अपने किस्म के अनोखे नेता हैं। बीजेपी में भी वैसे कम ही नेता होंगे। मूलभूत रूप से कांग्रेसी होते हुए भी कांग्रेस के प्रति उनके बोल विचार एक राजनीतिक दल के रूप में नहीं, बल्कि कट्टर दुश्मन के रूप में ही सामने आते हैं। उनकी जुबान से निकली हर बात चर्चा का विषय बन जाती है।
सुरक्षा पर राजनीति ठीक नहीं
इन सब के बीच कांग्रेस उनकी सुराक्षा को लेकर सवाल खड़े कर रही है। इसी कड़ी में सरमा ने पलटवार किया है। हिमंता बिस्वा सरमा ने एक वीडियो संदेश में कहा कि किसी की सुरक्षा पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने लिखा कि मैं हैरान हूं। असम में कांग्रेस के लोग मुख्यमंत्री की सुरक्षा के खर्चे पर सवाल उठा रहे हैं। कांग्रेसियों को शायद पता नहीं कि राहुल गांधी हों या खड़गे जी, उनकी सुरक्षा का खर्चा गांधी परिवार नहीं उठा रहा है, बल्कि सरकार उठा रही है। सुरक्षा पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
नाम छिपाना समाधान नहीं
सरमा ने मुस्लिम स्वामित्व वाले रेस्तरां के नाम प्रदर्शित करने पर कांग्रेस पार्टी के रुख की आलोचना की है और सामाजिक पूर्वाग्रहों पर गहराई से विचार करने का आह्वान किया है। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक हालिया पोस्ट में सरमा ने पार्टी की धारणा को चुनौती दी कि कांग्रेस पार्टी मानती है कि एक मुस्लिम मालिक का नाम प्रदर्शित करने से हिंदू ग्राहकों को रेस्तरां में भोजन करने से रोका जा सकता है। लेकिन, नाम छिपाना समाधान नहीं है। इससे पहले, 19 जुलाई को सरमा ने असम में महत्वपूर्ण जनसांख्यिकीय परिवर्तन का अनुमान लगाकर सुर्खियां बटोरी थीं। उन्होंने दावा किया कि राज्य की मुस्लिम आबादी, जो वर्तमान में हर दशक में 30% की दर से बढ़ रही है, 2041 तक बहुसंख्यक हो सकती है।