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सरकार जितनी तेजी से लोगों के दैनिक जीवन से बाहर होगी, लोकतंत्र उतना ही मजबूत होगा : मोदी 

सरकार जितनी तेजी से लोगों के दैनिक जीवन से बाहर होगी, लोकतंत्र उतना ही मजबूत होगा : मोदी 

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National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को 17वीं लोकसभा में अपने अंतिम सम्बोधन में आशा व्यक्त की, कि आनेवाले चुनावों से देश के गौरव को और बढ़ायेंगे और लोकतांत्रिक परम्पराओं को मजबूत करेंगे। उनका मानना है कि सरकार जितनी तेजी से लोगों के दैनिक जीवन से बाहर होगी, लोकतंत्र उतना ही मजबूत होगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज 17वीं लोकसभा के अंतिम सत्र के आखिरी दिन अपने सम्बोधन में कहा कि चुनाव बहुत दूर नहीं हैं। कुछ लोग घबरा सकते हैं, लेकिन यह लोकतंत्र का एक अनिवार्य पहलू है। हम सभी इसे गर्व से स्वीकार करते हैं। उनका मानना है कि हमारे चुनाव देश का गौरव बढ़ायेंगे और लोकतांत्रिक परम्परा का पालन करेंगे, जिससे दुनिया आश्चर्यचकित होती है।

उन्होंने अपने भाषण में कहा कि अगले 25 साल हमारे देश के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। राजनीतिक गतिविधियां अपनी जगह हैं, लेकिन देश की आकांक्षाएं, अपेक्षाएं, सपने और संकल्प ये हैं कि ये 25 साल ऐसे हैं, जिनमें देश अपेक्षित परिणाम प्राप्त करेगा।

प्रधानमंत्री ने लोकसभा अध्यक्ष का सदन को सुचारु रूप से चलाने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में आक्रोश और आरोप के भी पल आये हैं। इसके बावजूद सभी स्थितियों को सम्भालते हुए उन्होंने सूझ-बूझ के साथ सदन को चलाया और हम सबका मार्गदर्शन किया है।

प्रधानमंत्री ने सेंगोल को स्थापित करने और इसको सेरेमोनियल बनाने के काम का भी श्रेय अध्यक्ष बिरला को दिया। उन्होंने कहा कि यह भारत की आनेवाली पीढ़ियों को हमेशा-हमेशा उस आजादी के पल से जोड़ कर रखेगा। सदन को पेपरलेस बनाने के लिए भी अध्यक्ष का आभार प्रगट करते हुए उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप 17वीं लोकसभा के दौरान 97 प्रतिशत उत्पादकता रही है।

वर्तमान लोकसभा में हुए कार्यों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में देश सेवा में अनेक महत्त्वपूर्ण निर्णय किये गये और अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए सबने अपने सामर्थ्य से देश को उचित दिशा देने का प्रयास किया। एक प्रकार से आज का यह दिवस हम सबकी उन 05 वर्ष की वैचारिक यात्रा का राष्ट्र को समर्पित समय का और देश को एक बार फिर से अपने संकल्पों को राष्ट्र के चरणों में समर्पित करने का अवसर है।

कोविड के चुनौतीपूर्ण समय को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने संसद सदस्यों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सांसदों ने जरूरत के समय बिना सोचे-समझे अपने विशेषाधिकार छोड़ने का फैसला किया। भारत के नागरिकों को प्रेरित करने के लिए सदस्यों ने अपने-अपने वेतन और भत्ते में 30 प्रतिशत की कटौती करने का निर्णय लिया।

17वीं लोकसभा की उपलब्धियों को जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके पहले सत्र में दोनों सदन ने 30 विधेयक पारित किये थे। ये अपने आप में रिकॉर्ड है। इस कार्यकाल में बहुत सारे रिफॉर्म्स हुए हैं।

प्रधानमंत्री ने अनुच्छेद 370 को संविधान को लागू किये जाने में बड़ी रुकावट बताया और कहा कि अनेक पीढ़ियों ने एक संविधान के लिए सपना देखा था। हर पल संविधान में एक दरार, एक खाई नजर आती थी और एक रुकावट चुभती थी। इसी सदन ने अनुच्छेद 370 हटाया और संविधान का पूर्ण प्रकाश के साथ प्रकटीकरण हुआ।

इसी क्रम में उन्होंने तीन नये आपराधिक कानूनों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद 75 वर्षों तक हमारी न्याय व्यवस्था अंग्रेजों के बनाये नियमों से तय होती रही। अब हमारी आनेवालीं पीढ़ियां गर्व से कहेंगी कि हम ऐसे समाज में रहते हैं, जो “दंड-संहिता” नहीं, बल्कि “न्याय संहिता” को मानता है।

दलित, ओबीसी और आदिवासी सरकार की गरीब कल्याण की योजनाओं के सबसे बड़े लाभार्थी 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने को अपनी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया है। उन्होंने कहा कि गरीब कल्याण की हर योजना के सबसे बड़े लाभार्थी दलित, ओबीसी और आदिवासी परिवार ही हैं। वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से “विकसित भारत विकसित गुजरात” कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान पूरे गुजरात में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) और अन्य आवास योजनाओं के तहत निर्मित 1.3 लाख से अधिक घरों का उद्घाटन और भूमि पूजन किया। प्रधानमंत्री ने इस दौरान आवास योजनाओं के लाभार्थियों से बातचीत भी की। प्रधानमंत्री ने कहा कि मोदी की गारंटी का सबसे अधिक लाभ अगर किसी को हुआ है, तो दलित, ओबीसी और आदिवासी परिवारों को हुआ है। गरीब, युवा, किसान और महिलाओं को विकसित भारत का स्तम्भ बताते हुए उन्होंने कहा कि इनका सशक्तीकरण हमारी प्रतिबद्धता है।

देश में हर किसी को घर देने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी गरीब के लिए उसका अपना घर उसके उज्ज्वल भविष्य की गारंटी होता है। लेकिन, समय के साथ परिवार बढ़ रहे हैं, इसलिए नये घरों की जरूरत भी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का प्रयास है कि हर किसी के पास पक्की छत हो, अपना खुद का घर हो। प्रधानमंत्री ने पीएमएवाई के तहत आवास प्राप्त करनेवालों को बधाई देते हुए कहा कि जब ऐसे काम होते हैं, तभी देश कहता है ‘मोदी की गारंटी यानी गारंटी पूरा होने की भी गारंटी।’

प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की, कि पीएम आवास योजना को लागू करने में गुजरात हमेशा आगे रहा है। इसके तहत शहरी इलाकों में 08 लाख से ज्यादा घर बनाये जा चुके हैं। पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 05 लाख से ज्यादा घर बनाये गये हैं। नयी तकनीक और तेज गति से घर बनाने के लिए हम अपनी आवास योजनाओं में आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हमने नवम्बर, दिसम्बर और जनवरी महीने में पूरे देश में विकसित भारत संकल्प यात्रा का सफल आयोजन देखा। गांव-गांव में मोदी की गारंटी की गाड़ी पहुंची। पूरे देश के अनेक गांव में भारत सरकार आजादी के बाद पहली बार पहुंची है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के ऐसे ही प्रयासों से पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। सरकार इन 25 करोड़ लोगों के साथ हर कदम पर खड़ी रही और इन साथियों ने सरकार की योजनाओं का लाभ उठाया। ये 25 करोड़ लोग गरीबी को परास्त करने में सफल हुए।

प्रधानमंत्री ने देश को अगले 25 सालों में विकसित बनाने के संकल्प को लेकर कहा कि आजादी की लड़ाई के दौरान स्वदेशी आन्दोलन और भारत छोड़ो आन्दोलन जन-जन का संकल्प बन गया था। देश के लिए आज वैसा ही संकल्प विकसित भारत का निर्माण बन गया है। देश का बच्चा-बच्चा चाहता है कि आनेवाले 25 साल में भारत विकसित राष्ट्र बने। इसके लिए हर कोई अपना हर सम्भव योगदान दे रहा है।

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