Breaking news, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को तमिलनाडु के कन्याकुमारी में स्थित विवेकानंद शिला स्मारक के ध्यान मंडपम में अपने 45 घंटे के ध्यान सत्र का समापन किया। इसके बाद उन्होंने यहां तमिल संत कवि तिरुवल्लुवर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
साधना के बाद प्रधानमंत्री ने एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा, ‘मां भारती के चरणों में बैठ कर आज मैं एक बार फिर से यह संकल्प दोहराता हूं कि मेरे जीवन का पल-पल और शरीर का कण-कण सदैव राष्ट्र की सेवा में समर्पित रहेगा। राष्ट्र की उन्नति और देशवासियों के कल्याण की कामना के साथ मां भारती को कोटि-कोटि नमन।’
उन्होंने कहा कि वर्षों पूर्व पूरे देश का भ्रमण करने के बाद जब स्वामी विवेकानंद ने इस स्थान पर आकर तप किया था, तो उन्हें भारत के पुनर्गठन की एक नयी दिशा प्राप्त हुई थी। उनका सौभाग्य है कि आज इतने वर्षों के बाद जब स्वामी जी के मूल्य और आदर्शों पर चलते हुए उनके सपनों का भारत आकार ले रहा है, तो उन्हें भी इस पवित्र स्थान पर साधना का अवसर मिला है।
पत्र में अपने अनुभव का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा कि वे यहां आकर अलौकिक और अद्भुुत ऊर्जा का अनुभव कर रहे हैं। इसी शिला पर मां पार्वती और स्वामी विवेकानंद ने तपस्या की थी। आगे चल कर इस शिला स्मारक के रूप में एकनाथ रानाडे जी ने स्वामी विवेकानंद के विचारों को जीवंत कर दिया। उन्होंने आध्यात्मिक नवजागरण के प्रेरणाता विवेकानंद को अपना आदर्श बताया और कहा कि वह उनकी ऊर्जा और साधना के स्रोत रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने विवेकानंद शिला स्मारक के ध्यान मंडपम में 30 मई की शाम को अपना 45 घंटे का ध्यान शुरू किया था। इससे पहले उन्होंने भगवती अम्मन मंदिर में पूजा-अर्चना की थी। अपने ध्यान सत्र के समापन पर सफेद वस्त्र पहने मोदी ने शिला स्मारक की बगल में स्थित तिरुवल्लुवर की 133 फुट ऊंची प्रतिमा का दौरा किया और अपनी श्रद्धांजलि के रूप में वहां एक विशाल माला चढ़ायी। वह फेरी सेवा द्वारा प्रतिमा परिसर में पहुंचे और बाद में सेवा का उपयोग करके तट पर पहुंचे।
स्मारक पर प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ध्यान किया और सूर्योदय के समय आध्यात्मिक साधना से जुड़ा अनुष्ठान ‘सूर्य अर्घ्य’ भी किया। स्मारक के ध्यान मंडपम में ध्यान करते समय मोदी भगवा वस्त्र पहने हुए थे।
उल्लेखनीय है कि कन्याकुमारी अपने सूर्योदय और सूर्यास्त के लिए प्रसिद्ध है और यह स्मारक तटरेखा के पास एक छोटे से टापू पर स्थित है। स्वामी विवेकानन्द देशभर में घूमने के बाद दिसम्बर 1890 में कन्याकुमारी पहुंचे थे और उन्होंने मुख्य भूमि से लगभग 500 मीटर दूर हिन्द महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के मिलन बिन्दु पर स्थित एक चट्टान पर तीन दिनों तक ध्यान किया। ऐसा माना जाता है कि यहीं पर विवेकानन्द को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। इसी चट्टान को अब ध्यान मंडपम के नाम से जाना जाता है।
प्रधानमंत्री का 45 घंटे का ध्यान पूरा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार 01 जून को कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल में अपना 45 घंटे का ध्यान पूरा कर लिया। पीएम आध्यात्मिक यात्रा पर कन्याकुमारी में थे, जहां वह ध्यान मंडपम में ध्यान कर रहे थे। उनके ध्यान को लेकर राजनीति भी खूब हुई। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने कन्याकुमारी में मोदी की आध्यात्मिक गतिविधि को महज फोटो शूट कह कर खारिज कर दिया।