राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि जीवन की यात्रा में जो विजेता है, वह बलवान है, ऐसा कथन समाज में प्रचलित है, लेकिन जो कमजोर, बेसहारा और दुर्बलों को बल देकर जीना सिखाए वह असली बलवान होता है। उक्त बातें डॉक्टर मोहन भागवत ने नागपुर में शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम में कहीं। इस दौरान उन्होंने ‘थैलेसीमिया एंड सिकल सेल सोसायटी ऑफ इंडिया’ द्वारा विकसित ‘ब्लड मैच ऐप’ को लॉन्च किया।
ऐसी बीमारियों में प्रिवेंशन ही उपचार है
डॉ. भागवत ने कहा कि बीमारियां मनुष्य को तन, मन के साथ आर्थिक रूप से कमजोर बनाती हैं। ‘प्रिवेंशन इज बेटर दैन क्योर’ ऐसी कहावत है, लेकिन ऐसी बीमारियों में प्रिवेंशन ही उपचार है। डॉ. भागवत ने उम्मीद जताई कि देश में बना यह ऐप मरीजों के लिए मददगार साबित होगा। इस अवसर पर डॉ. भागवत ने कहा कि समाज में आनुवांशिक रूप से होने वाली लाइलाज बीमारियां समाज के एक वर्ग को पंगु बना देती हैं। जीवन की यात्रा में विजेता ही बलवान होता है, ऐसा कथन प्रचलित है, लेकिन समाज में जो लोग बलवान हैं उन्हें आगे आकर समाज के कमजोर लोगों की सहायता कर दुर्बलों का जीवन सुगम्य और सुचारू बनाना चाहिए।
थैलेसिमिया और सिकल सेल के मरीज के लिए बहुत उपयोगी है यह ऐप
‘ब्लड मैच ऐप’ ऐप में थैलेसिमिया और सिकल सेल के मरीज अपनी जानकारी दर्ज करवा सकते हैं। इसके जरिए इस बीमारी से पीड़ित लड़के- लड़कियां अपनी जानकारी दर्ज करवा कर स्वास्थ्य सलाह के बाद अपना जीवन साथी चुन सकते हैं। नतीजतन विवाह के बाद ऐसे मरीजों के जीवन को सुगम्य और सुचारू बनाया जा सकता है। वहीं ऐसे दम्पति के बच्चों को भी इन आनुवांशिक बीमारी से बचाने में मदद मिलेगी।
जीवन में कुछ भी आसान नहीं, मेहनत करनी पड़ती है
कार्यक्रम के दौरान आयोजकों ने उम्मीद जताई कि सरसंघचालक के द्वारा ऐप के उद्घाटन से इसे प्रसिद्धि मिलेगी। इस पर डॉ. भागवत ने कहा कि आयोजकों का ऐसा विश्वास है तो उसका सम्मान करता हूं, लेकिन हमें भी संघ कार्य के लिए दिन-रात पसीना बहाना पड़ता है। सरसंघचालक ने कहा कि जीवन में कुछ भी आसान नहीं होता। सभी क्षेत्रों में मेहनत करनी पड़ती है।