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Rajasthan politics में बगावत की बू, मंत्री बोले-यहां मंत्रियों के पास कोई काम नहीं, सब कुछ तो मुख्यमंत्री गहलोत के पास

Rajasthan politics में बगावत की बू, मंत्री बोले-यहां मंत्रियों के पास कोई काम नहीं, सब कुछ तो मुख्यमंत्री गहलोत के पास

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Jaipur Rajasthan Hindi latest news :  राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन कांग्रेस में अब भी सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच खींचतान चल रही है, वहीं दूसरी तरफ कुछ मंत्रियों ने अपने अधिकारों की मांग लेकर मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कभी गहलोत के विश्वस्त रहे नागरिक सुरक्षा राज्यमंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रदेश में पूरी कमान सीएम गहलोत के पास है। पावर पूरी तरह से केंद्रित है। उन्होंने कहा कि पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति से लेकर कांस्टेबल का तबादला तक मुख्यमंत्री आवास से होता है। मंत्रियों के पास कोई काम नहीं है और न ही अधिकार है। मंत्री के इस बयान के बाद समझा जा रहा है कि राजस्थान में अंदर ही अंदर बगावत के स्वर फूट रहे हैं। अगर समय रहते कांग्रेस नेतृत्व ने मंत्रियों और विधायकों की नाराजगी को दूर नहीं किया तो पार्टी को चुनाव से पहले एक और बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।

छोटे अफसरों के तबादले के लिए भी जाना पड़ता है सीएम आवास

उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे अधिकारियों के तबादलों के लिए भी मुख्यमंत्री आवास पर जाना होता है। एेसे मंत्री अपने काम के लिए मुख्यमंत्री आवास और कार्यालय के चक्कर लगाते रहते हैं। वित्त और गृह जैसे विभाग भी सीएम ने अपने पास रखे हैं। इस केंद्रीय व्यवस्था को लेकर कुछ मंत्री कह देते हैं और कुछ मन की बात मन में ही दबाए रखते हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के सोच से उलट राजस्थान में काम हो रहे हैं। राहुल सत्ता बांटने की बात करते हैं। वह कहते हैं कि देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह चला रहे हैं, लेकिन राजस्थान में तो पूरी सत्ता एक ही जगह केंद्रित है।

विधायकों – मंत्रियों की कोई सुनवाई नहीं

 उन्होंने कहा कि नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की पीड़ा से मैं सौ प्रतिशत सहमत हूं । उन्होंने जो मुद्दा उठाया, वह सही है। विधायकों व मंत्रियों की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। विधायकों के पास कोई अधिकार नहीं है। उल्लेखनीय है कि खाचरियावास ने पिछले सप्ताह आइएएस अधिकारियों की एसीआर सीएम के बजाय मंत्रियों से भरवाने का मुद्दा उठाया था।

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