16 अप्रैल 1988 भारतीय नौसेना के इतिहास का वो सुनहरा दिन था, जब भारतीय नौसेना में एक बेहद ही ताकतवर जंगी जहाज़ शामिल किया गया था। इसका नाम है आईएनएस गोमती। यह गोदावरी क्लास गाइडेड-मिसाइल फ्रिगेट का तीसरा जहाज था। आईएनएस गोमती पश्चिमी बेड़े का सबसे पुराना योद्धा भी था। 16 अप्रैल 1988 से 28 मई 2022 तक का इसका सुनहरा सफर शानदार रहा। एक अधिकारी ने बताया कि ऑपरेशन कैक्टस, पराक्रम और रेनबो में शामिल रहे पोत को यहां नौसैन्य डॉकयार्ड में सूर्यास्त के समय सेवामुक्त कर दिया गया।
लखनऊ में रखा जाएगा
अधिकारियों ने बताया था कि पोत की विरासत को लखनऊ में गोमती नदी के तट पर तैयार किए जा रहे एक खुले संग्रहालय में रखा जाएगा, जहां उसकी कई युद्धक प्रणालियों को सैन्य तथा युद्ध अवशेषों के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार और भारतीय नौसेना ने इसके लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। ‘आईएनएस गोमती’ का नाम गोमती नदी के नाम पर रखा गया और 16 अप्रैल, 1988 को तत्कालीन रक्षा मंत्री के सी पंत ने मझगांव डॉक लिमिटेड, बंबई में सेवा में शामिल किया था।