Breaking news, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news, Today many Chief Ministers of BJP will face a tough class, they will have to resign somewhere… : लोकसभा चुनाव में स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी की अथक कोशिशों के बावजूद भाजपा को बहुमत से बहुत दूर रह जाना पार्टी के लिए गंभीर स्थिति की ओर संकेत कर रहा है। इसकी समीक्षा गंभीरता से शुरू कर दी गई है। इसी संदर्भ में 7 जून यानी आज ही भाजपा के सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई गई है। संकेत मिल रहे हैं कि उनकी कड़ी क्लास लगाई जाएगी। चर्चा यह है कि खराब प्रदर्शन करने वाले मुख्यमंत्रियों से रिजाइन करने को भी कहा जा सकता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा जिन राज्यों में करारी हार का सामना करना पड़ा है इसको लेकर भी मंथन होगा। उत्तर प्रदेश से भाजपा को सबसे बड़ा झटका मिला है। इसके बाद चर्चा तेज है कि यूपी में मिली करारी शिकस्त का ठीकरा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर फोड़ा जा सकता है। ऐसे में क्या अब सीएम योगी पर इस्तीफा देने का दवाब बनाया जाएगा।
राजस्थान में भी बड़ा सेटबैक
इसके अलावा दूसरा राज्य राजस्थान है जहां बीजेपी का प्रदर्शन खराब रहा है। प्रचार के दौरान अमित शाह ने एक रैली में नेताओं से कहा था कि अगर उनके इलाके में पार्टी कमजोर हुई तो खामियाजा भुगतना पड़ेगा। ऐसे में क्या ये खामियाजा राजस्थान के मुख्यमंत्री को भी भुगतना पड़ सकता है। सीएम भजन लाल के घर भरतपुर से भी बीजेपी को हार मिली है। कहा जा रहा है कि वो अपना क्षेत्र भी नहीं संभाल सके। महाराष्ट्र में महाविकास आघाडी के 30 सीटें जीतने पर बीजेपी चिंता की मुद्रा में आ गई है। राज्य में बीजेपी के सबसे बड़े नेता देवेंद्र फडणवीस ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश की है। हालांकि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखकर बावनकुले और सीएम एकनाथ शिंदे ने उनकी इस पेशकश को खारिज किया है। नतीजे के 24 घंटे के भीतर ही फडणवीस ने सबसे पहले इस्तीफे की पेशकश कर दी थी। दरअसल,अक्टूबर-नवंबर महीने में राज्य में 288 सदस्यों वाली विधानसभा के चुनाव होने हैं। पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश बरकरार रखने के लिए बीजेपी को नई रणनीति से काम करना होगा।
एकजुट दिखनी चाहिए पूरी पार्टी
जिस दिन शपथ ग्रहण समारोह हो उस दिन सभी लोग उपस्थित रहें। इसके अलावा बीजेपी की कवायद ये रहती है कि पूरी पार्टी एकजुट दिखनी चाहिए। एनडीए की संसदीय दल की बैठक से पहले बीजेपी के संसदीय दल की बैठक होगी। बैठक में भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री शामिल रहते हैं। साल 2014 में नरेंद्र मोदी जब पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने दिल्ली आए थे। उससे पहले उन्होंने बीजेपी संसदीय दल की बैठक में हिस्सा लिया था। इसमें तमाम बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री शामिल हुए थे। वहां पर उन्होंने कहा था कि उन्हें जो कमान पार्टी की तरफ से मिली है उसके लिए वो तत्पर हैं। बैठक में देशभर में लोकसभा चुनाव को लेकर जो नतीजे आए हैं, उसको लेकर फीडबैक लिया जा सकता है। भारतीय जनता पार्टी की सीटें कम क्यों हुई हैं। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र में अपने प्रदर्शन को दोहराने में बीजेपी नाकामयाब हो गई।