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TRF ने ली श्रद्धालुओं की बस पर अटैक की जिम्मेदारी, NIA ने शुरू की जांच

TRF ने ली श्रद्धालुओं की बस पर अटैक की जिम्मेदारी, NIA ने शुरू की जांच

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Srinagar news : रविवार को रियासी जिले में तीर्थयात्रियों से भरी बस पर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी। इसमें 10 श्रद्धालुओं की जान चली गई थी। कई घायल हो गए। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, जहां उनका उपचार जारी है। घायलों ने हमले का आंखों देखा हाल बताया कि कैसे आतंकियों ने पहले बस को घेर लिया और फिर लगातार फायरिंग की। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी गुट द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली। लश्कर से जुड़े टैरर संगठन ने साथ में चेतावनी दी कि वो और सैलानियों और नॉन-लोकल्स को नुकसान पहुंचाएगा। नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने इसकी जांच शुरू कर दी है।

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बस ड्राइवर को मारी गोली

मीडिया से बातचीत में बस में सवार श्रद्धालु संतोष कुमार वर्मा ने दर्दनाक वारदात के बारे में बताया हैं। उन्होंने इस घटना को खुद अपनी आंखों से देखा। उन्होंने बताया, “दर्शन कर हम वापस लौट रहे थे। पहाड़ के नीचे से जब गाड़ी गुजर रही थी, तभी अचानक से आतंकी आए और फायरिंग शुरू कर दी। हालांकि, मैं एक ही शख्स को फायरिंग करते हुए देख सका। लेकिन जहां तक मुझे पता है कि ये सभी लोग बीच सड़क पर खड़े होकर फायरिंग कर रहे थे। इसके बाद इन लोगों ने बस के ड्राइवर को भी गोली मारी। काफी देर तक यह फायरिंग करते रहे। वहीं, घटना के आधे घंटे बाद पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुंचे, जिनकी सहायता से हम बाहर निकल सके।“

बस के खाई में गिरने के बाद भी फायरिंग कर रहे थे

बस में सवार एक अन्य श्रद्धालु राजेश ने भी इस दिल दहला देने वाली घटना को शब्दों में बयां किया। उन्होंने बताया, “हम 13-14 लोग बस में थे। दर्शन कर वापस लौट रहे थे, तभी कुछ लोग आए और अंधाधुंध फायरिंग करने लगे। हालांकि, मैं देख नहीं सका था कि कितने लोग थे, लेकिन वो मंजर बहुत डरावना था।“ बस में सवार एक अन्य श्रद्धालु ने बताया, “मैं गोली चलाने वालों को नहीं देख सका था। लेकिन मैंने एक झलक देखी थी कि वो लोग कैसे गोली चला रहे थे। इसके बाद मैंने खुद को बचाने की कोशिश की। लग रहा था कि जैसे आज मैं बच नहीं पाऊंगा। आतंकी बिना रूके गोली चलाते रहे। इसके बाद बस पलटकर खाई में जा गिरी। इसके बाद बस में सवार सभी लोग इधर-उधर गिर गए। सभी चिल्ला रहे थे। मदद की गुहार लगा रहे थे। इसके बावजूद भी आतंकी फायरिंग रोकने का नाम नहीं ले रहे थे।“

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