शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में बुरी तरह से फंस चुके पार्थ चटर्जी को लेकर तृणमूल नेताओं को बयानबाजी नहीं करने की सख्त हिदायत पार्टी ने शुक्रवार को दी है। सभी जिलाध्यक्षों को इस बात की हिदायत दी गई है कि पार्थ मामले में कोई भी बयानबाजी नहीं होनी चाहिए। इस मामले को लेकर किसी भी परिस्थिति में आक्रामक रुख नहीं अख्तियार करना है। हर तरह के सवाल का जवाब शांत भाव से देना है। अगर कोई सवाल पूछता है या चर्चा करना चाहता है, तो चुप रहें या मुस्कुराएं।
फिलहाल कोई आयोजन करने की जरूरत नहीं
पार्टी द्वारा जारी किए गए निर्देशों में बताया गया है कि फिलहाल किसी तरह की रोड मीटिंग, जनसभा या किसी सभा में शामिल होने की जरूरत नहीं है। सार्वजनिक कार्यक्रमों में माइक के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। सूत्रों ने से मिली जानकारी के अनुसार तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की ओर से अपने बयानों में सीबीआई और ईडी का बार-बार नाम लिए जाने की वजह से हो रहे नुकसान को समझा है और इसीलिए फिलहाल डैमेज कंट्रोल की कोशिश के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।