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तृणमूल कांग्रेस के मंत्री श्रीकांत के वायरल वीडियो से पार्टी हुई असहज, अपनी ही पार्टी के नेताओं पर लगा दिए बड़े-बड़े आरोप

तृणमूल कांग्रेस के मंत्री श्रीकांत के वायरल वीडियो से पार्टी हुई असहज, अपनी ही पार्टी के नेताओं पर लगा दिए बड़े-बड़े आरोप

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West Bengal political news : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कैबिनेट के राज्य मंत्री और शालबनी विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्रीकांत महतो का वायरल वीडियो उनकी ही पार्टी तृणमूल कांग्रेस को असहज कर दिया है। इस वीडियो में मंत्री श्रीकांत महतो ने पार्टी के कई नेताओं पर जोरदार हमला बोला है। ममता बनर्जी कैबिनेट में अभी हाल ही में उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री बनाये गये श्रीकांत महतो का एक बयान वायरल हुआ है। हालांकि यह वीडियो सही है या गलत इसका प्रमाण नहीं मिला है। मंत्री श्रीकांत को इस वीडियो में अपनी ही पार्टी के नेताओं उमा सरेन, संध्या रॉय, मुनमुन सेन, जून मालिया, सयानी, सयंतिका, मिमी, नुसरत, नेपाल सिंह, संदीप सिंह व उत्तरा सिंह के बारे में कह रहे हैं कि ये लोग ‘लूट’ खा रहे हैं। इनके कृत्य से पार्टी की छवि खराब हो रही है। फिर भी इन नेताओं को पार्टी का संपत्ति माना जा रहा है। 

ढाई मिनट के वायरल वीडियो से मचा हड़कंप

पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री श्रीकांत महतो के इस बयान के बाद तृणमूल कांग्रेस में भी हड़कंप मच गया है। उनके इस बयान से पार्टी असहज हो गई है। ढाई मिनट के वीडियो में श्रीकांत महतो कह रहे हैं कि क्या हमें जीने का अधिकार नहीं होना चाहिए। हमारी नागरिकता क्या नहीं होगी। हम यही कहना चाहते हैं। मैं आज से इसके लिए योजना बनाना शुरू करूंगा। पुलिस और बीडीओ को ज्ञापन सौंपेंगे। 

ममता बनर्जी वह अभिषेक बुरे लोगों को अच्छा कहते हैं 

मंत्री श्रीकांत महतो कहते हैं कि अगर हमारी नागरिकता, अधिकार छीन लिए जाएं तो हम क्या करें। उसके लिए हम पश्चिम बंगाल के नागरिक समाज, पश्चिम बंगाल के किसान समाज, पश्चिम बंगाल के बौद्धिक समाज को एकजुट करेंगे। हम ममता बनर्जी के पास जाना चाहते हैं। मैंने पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी से लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, पार्थ, सुब्रत बख्शी तक सभी को समझाने की कोशिश की। लेकिन वे समझना नहीं चाहते। वे बुरे लोगों को ही अच्छा कहते हैं। फिर हम कैसे जी सकते हैं। बुरे लोगों को बुरा कहा जाना चाहिए और अच्छे लोगों को अच्छा कहा जाना चाहिए। अच्छे लोगों की बात सुननी चाहिए, लेकिन बुरे लोगों की बात ही सुनी जा रही है।

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